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धर्मशाला, 30 जुलाई (हि.स.)। कांगड़ा जिले में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही मध्यम से भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। जिला में बुधवार सुबह तक भूस्खलन के कारण कम से कम 70 प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के साथ-साथ कई संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए, जिससे आवागमन और आवश्यक सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा है। हालांकि, जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के चलते 40 से अधिक सड़कों से मलबा हटाकर यातायात के लिए खोल दिया गया है, लेकिन कई महत्वपूर्ण मार्ग अभी भी बंद हैं।
जिले में बारिश का सर्वाधिक प्रभाव परिवहन व्यवस्था पर पड़ा है। सुरानी होकर ज्वालाजी-खुंडियां मार्ग पर एक पुल क्षतिग्रस्त होने से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, गुम्मर-कोटा-बग्गी जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया है, जिससे इस क्षेत्र में आवागमन की समस्या और भी बढ़ गई है।
शाहपुर क्षेत्र में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां करीब 11 सड़कें यातायात के लिए अनुपयुक्त हो गई हैं। इनमें भनाला-दरिणी मार्ग, दरिणी-बोह मार्ग, बोह-लाम मार्ग, रिडकमार-कुथारना मार्ग, भितलू-कुट मार्ग, चढी-घेरा मार्ग, घेरा-करेरी मार्ग, करेरी-कुथारना मार्ग, रिडकमार-घटारदा मार्ग (जो बह गया है), रैत-नेरटी मार्ग और शाहपुर-चकबन-लापियाना मार्ग शामिल हैं। इन मार्गों के बंद होने से स्थानीय लोगों को दैनिक गतिविधियों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
बारिश ने केवल सड़कों को ही नहीं, बल्कि पेयजल और बिजली आपूर्ति को भी बाधित किया है। जिले में लगभग 50 स्थानों पर पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिससे हजारों परिवारों को स्वच्छ पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिजली व्यवस्था भी बुरी तरह चरमरा गई है, जिले भर में 45 स्थानों पर ट्रांसफार्मर और आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचा है, जिससे कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही।
उधर उपायुक्त हेमराज बैरवा ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए बताया कि अधिकांश मुख्य राजमार्ग अब यातायात के लिए खोल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और युद्धस्तर पर सड़कों को साफ करने और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने का काम जारी है। हालांकि, उपायुक्त ने यात्रियों से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से गुजरते समय अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया है, क्योंकि जिले के कई हिस्सों में अभी भी बारिश जारी है और नए भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया