Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मंडी, 30 जुलाई (हि.स.)। बीते दो साल पहले धंस जाने के कारण महीनों तक मंडी कुल्लू मार्ग को पंडोह बांध के आगे बाधित रखने वाला कैंची मोड़ जहां से बाखली मंदिर के लिए रोप वे भी बनाया गया है, फिर से धंस गया है। हालांकि एक तरफा वाहनों को निकाला जा रहा है मगर एक भाग पूरी तरह से धंस गया है तथा वाहन चलाने लायक नहीं रहा है।
मंडी कुल्लू फोरलेन पर मंडी से 21 किलोमीटर की दूरी पर यह कैंची मोड़ वाला हिस्सा एनएचएआई व निर्माण कर रही कंपनियों के लिए सिरदर्द बन गया है। इससे इस मार्ग पर आवागमन भी बाधित हो रहा है। इधर, मंगलवार रात को खुल गया मंडी कुल्लू मार्ग बुधवार को भी बार बार बंद होता रहा। मंडी से आगे कुल्लू की ओर चार मील, सात मील, नौ मील, कैंची मोड़, डयोडनाला, जोगणी मोड़ व दवाडा के पास लगातार भूसख्लन हो रहा है और मार्ग बाधित हो रहा है। इसके बावजूद भी बुधवार को यह मार्ग बीच बीच में चलता रहा मगर खतरा बरकरार है।
लोक सभा में उठा मंडी में तबाही का मुद्दा
मंडी जिले के सराज, नाचन, करसोग, धर्मपुर के बाद मंडी सदर में बादल फटने से हुई तबाही का मुद्दा बुधवार को मंडी की सांसद कंगना रनौत ने लोग में उठाया। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए क्या मापदंड हैं। प्रदेश सरकार को दी जाने वाली आपदा राहत राशि को खर्च करने की क्या व्यवस्था है। उन्होंने प्रभावितों को अधिक से अधिक मदद देने के लिए भी सरकार से आग्रह किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा