नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद को अगले तीन साल में सुलझाने पर सहमति
नेपाल भारत के बीच


काठमांडू, 30 जुलाई (हि.स.)। नेपाल और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने तीन साल के भीतर द्विपक्षीय सीमा विवाद का समाधान करने पर सहमति व्यक्त की है। नई दिल्ली में नेपाल-भारत सीमा कार्य समूह (बीडब्ल्यूजी) की सातवीं बैठक में नेपाल का प्रतिनिधित्व कर बुधवार को काठमांडू लौटे सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक प्रकाश जोशी ने कहा कि सुस्ता और कालापानी के अलावा नेपाल-भारत सीमा के तकनीकी समस्याओं को तीन साल के भीतर सुलझाने करने का फैसला किया गया है।

उन्होंने बताया कि बीडब्ल्यूजी को दिए गए जनादेश के अनुसार हमने एक नई समय सीमा निर्धारित की और जल्द से जल्द फील्ड वर्क को फिर से शुरू करने का फैसला किया। जोशी ने बैठक में नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें विदेश मामलों के मंत्रालयों, रक्षा और गृह और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

नेपाल और भारत के बीच कोविड और सीमा विवाद के कारण 2019 के बाद भी बीडब्ल्यूजी की बैठक को छह साल के लिए स्थगित कर दिया गया था। सीमा कार्यों को समाप्त करने के लिए समयरेखा और रोडमैप तैयार करने के लिए दोनों पक्ष अगस्त में नेपाल में सर्वेक्षण अधिकारियों की समिति (एसओसी) की 12वीं बैठक बुलाने पर सहमत हुए हैं। तीन साल की समयसीमा को पूरा करने के लिए दोनों पक्ष संयुक्त फील्डवर्क को तुरंत फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं। तीन वर्षों के भीतर नेपाल और भारत के सर्वेक्षण अधिकारी नए सीमा स्तंभों का निर्माण करेंगे और क्षतिग्रस्त स्तंभों की मरम्मत करेंगे।

जोशी के अनुसार दोनों पक्ष 'नो-मैन्स लैंड' में दोनों तरफ से किए गए अतिक्रमणों की सूची तैयार करेंगे और दोनों पक्षों के नागरिकों द्वारा संपत्तियों की क्रॉस होल्डिंग्स की सूची तैयार करेंगे। बैठक में दोनों पक्ष ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) बेस स्टेशन को अपग्रेड और अपडेट करने पर सहमत हुए हैं। नेपाल और भारत नेपाल-भारत सीमा स्तंभों का मानचित्रण करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत स्थिति प्रणाली-नेपाल-भारत सीमा वैश्विक नौवहन उपग्रह प्रणाली (एनआईबी जीएनएसएस) का उपयोग कर रहे हैं।

पिछले छह वर्षों में बीडब्ल्यूजी की बैठक के बाद दोनों पक्षों ने सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को फील्ड सर्वेक्षण करने, क्षतिग्रस्त स्तंभों के रखरखाव और कुछ अन्य छोटे तकनीकी कार्यों को करने का काम सौंपा था। इसलिए आगामी सर्वेक्षण अधिकारियों की समिति (एसओसी) की बैठक समय सीमा तैयार करने के लिए एपीएफ और एसएसबी से समर्थन मांगेगी। जोशी ने कहा कि हमने इस साल के भीतर कुछ ठोस परिणाम देने का फैसला किया है और इस भावना से हम सीमा पर तकनीकी कार्य फिर से शुरू करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास