जर्मनी की एथलीट लॉरा डाहलमेयर की पाकिस्तान में मौत, पर्वतारोहण के समय हादसा
लॉरा डाहलमेयर स्वर्ण पदक के साथ। फोटो-फाइल


बर्लिन/इस्लामाबाद, 31 जुलाई (हि.स.)। जर्मनी की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बायथलीट लॉरा डाहलमेयर की पाकिस्तान में पर्वतारोहण के दौरान हुए हादसे में मौत हो गई। 31 वर्षीय लॉरा पाकिस्तान के काराकोरम पर्वत शृंखला की लैला चोटी पर अचानक हुए भू-स्खलन की चपेट में आकर संभल नहीं पाईं। दो बार ओलंपिक चैंपियन रहीं लॉरा के निधन पर जर्मन ओलंपिक खेल परिसंघ (डीओएसबी) और परिवार ने गहरा दुख जताया है।

सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार डीओएसबी ने लॉरा के निधन की पुष्टि की है। लॉरा डाहलमेयर 2018 के शीतकालीन ओलंपिक में स्प्रिंट और पर्स्यूट स्पर्धा में अलग-अलग स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बायथलीट बनीं। अगले साल 2019 में वह विश्व चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली बायथलीट बनीं। इसके बाद उन्होंने इस खेल से संन्यास ले लिया। बुधवार को जारी बयान में उनकी प्रबंधन टीम ने कहा, अलविदा लॉरा। आपने हमारे और कई अन्य लोगों के जीवन को समृद्ध बनाया है। आप बहुत याद आएंगी। आपने अपने कार्यक्रमों के समन्वय के लिए हम पर भरोसा जताया, इसके लिए आपका आभार। आपका संघर्ष हमें आगे बढ़ने की हिम्मत देता रहेगा। डीओएसबी के अध्यक्ष वीकेर्ट ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, लॉरा डाहलमेयर अपने पीछे समृद्ध विरासत छोड़ गई हैं। खेल के प्रति उनका समर्पण, प्रकृति के प्रति उनका जुनून और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाती है।

थॉमस वीकेर्ट ने कहा कि वह सोमवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर के आसपास कराकोरम पर्वत श्रृंखला में लैला चोटी पर चढ़ते समय गिर गईं।उनके साथी पर्वतारोही दल नेमंगलवार को इंस्टाग्राम पर यह दुखद सूचना साझा की। उन्होंने बुधवार को कहा कि डीओएसबी और पूरा जर्मन खेल जगत लॉरा डाहलमेयर के निधन पर शोक व्यक्त करता है। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।

गिलगित-बाल्तिस्तान की क्षेत्रीय सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फराक ने बताया कि कम दृश्यता और खराब मौसम के कारण अभियान अपने सैन्य हेलीकॉप्टर तैनात नहीं कर पाया। साथी पर्वतारोहियों ने कहा कि बचाव अभियान में शामिल हेलीकॉप्टर मंगलवार सुबह घटनास्थल पर पहुंच सका। डाहलमेयर के प्रबंधन के बयान के अनुसार, इस एथलीट ने विशेष रूप से अनुरोध किया था कि दुर्घटना की स्थिति में कोई भी उसे बचाने या उसके शव को बरामद करने के लिए अपनी जान जोखिम में न डाले।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद