उन्नत स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
निःशुल्क किया गया प्रत्यारोपण


- मप्र के सरकारी संस्थान में हुआ पहला एबीओ-इनकंपैटिबल गुर्दा प्रत्यारोपण, उप मुख्यमंत्री ने की टीम की सराहना

भोपाल, 30 जुलाई (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में निरंतर नवाचार और अत्याधुनिक उपचार पद्धतियों को अपनाकर प्रदेश के हर नागरिक को उन्नत और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में प्रदेश का पहला एबीओ इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट शासकीय संस्थान में होना इस दिशा में मील का पत्थर है। स्वस्थ मध्य प्रदेश की दिशा में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने जीएमसी भोपाल की डीन डॉ. कविता सिंह, अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन और समस्त टीम की सराहना की है।

आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत निःशुल्क किया गया प्रत्यारोपण

जीएमसी की डीन डॉ. कविता सिंह ने बुधवार को बताया कि यह प्रत्यारोपण आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया। उन्होंने बताया कि साथ ही ऐसे मरीज जो योजना के तहत नहीं आते हैं उनके लिए भी न्यूनतम शुल्क पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रत्यारोपण में ओ ब्लड ग्रुप के मरीज़ को बी ब्लड ग्रुप का गुर्दा सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया। मरीज श्री मनुज कुमार 43 वर्ष (परिवर्तित नाम) को उनकी 41 वर्षीय पत्नी श्रीमती कमला (परिवर्तित नाम) ने किडनी दान की। मरीज नीमच जिले का निवासी है और छह माह से डायलिसिस पर था।

गांधी मेडिकल कॉलेज की गुर्दा प्रत्यारोपण यूनिट ने पहली बार एबीओ इनकंपैटिबल प्रत्यारोपण की योजना बनाकर यह चुनौतीपूर्ण कार्य सफलता से पूर्ण किया। इस प्रक्रिया में लैप्रोस्कोपिक डोनर नेफ्रेक्टॉमी की गई, जिससे डोनर को शीघ्र डिस्चार्ज किया जा सका। ट्रांसप्लांट टीम में डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. आर. आर. बर्डे (नेफ्रोलॉजिस्ट), डॉ. सौरभ जैन, डॉ. अमित जैन, डॉ. समीर व्यास, डॉ. नरेंद्र कुर्मी (यूरोलॉजिस्ट एवं सर्जन), डॉ. आर. पी. कौशल, डॉ. बृजेश कौशल, डॉ. श्वेता श्रीवास्तव, डॉ. उर्मिला केसरी, डॉ. असीम (निश्चेतना विशेषज्ञ), तथा जूनियर डॉक्टरों की टीम शामिल रही। इसके साथ ही विभागाध्यक्ष डॉ. सिम्मी दुबे (मेडिसिन), डॉ. सुरेंद्र सिंह पाल (सर्जरी), डॉ. आर. पी. कौशल (निश्चेतना) और डॉ. सौरभ जैन (यूरोलॉजी) ने सतत मार्गदर्शन और सहयोग किया। नर्सिंग एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ ने इस जटिल प्रक्रिया को सहज और सुरक्षित रूप से पूर्ण करने में सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर