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जयपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। सवाई माधोपुर जिले में हुई मूसलधार बारिश के बाद उत्पन्न बाढ़ जैसी स्थिति के मद्देनजर आपदा प्रबंधन एवं कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को सवाई माधोपुर पहुंचकर जिला मुख्यालय सहित जलभराव प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और स्थानीय निवासियों से संवाद कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने लटिया नाले के उफान से शहर के रैगर मोहल्ला, मिर्जा मोहल्ला, अंसारी मोहल्ला, प्रजापत मोहल्ला, खटीक मोहल्ला व अन्य कॉलोनियों में हुई जलभराव की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई और लटिया नाले के बहाव क्षेत्र में बिना समुचित सर्वे के एलिवेटेड रोड स्वीकृत करने पर पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि एलिवेटेड रोड निर्माण से नाले के प्राकृतिक बहाव में बाधा उत्पन्न हुई और बारिश के दौरान उसका प्रवाह कई स्थानों पर बदल गया, जिससे जलभराव की स्थिति और बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में प्रशासन के साथ सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तत्परता से कार्य कर रही हैं। जलभराव वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है और जिन लोगों को घर छोड़ना पड़ा है, उनके लिए भोजन पैकेट्स वितरित किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बारिश से हुए नुकसान का त्वरित सर्वे कराया जाएगा और प्रभावितों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने एनएच-552 पर उघाड़ पुलिया के बहाव में टूटने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न केवल मध्यप्रदेश और राजस्थान का संपर्क टूटा है, बल्कि खंडार क्षेत्र के कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को पुलिया का नया एस्टीमेंट तैयार करने तथा केंद्र सरकार से बजट पास करवाने और वन विभाग से एनओसी लेने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि यह पुलिया ब्लैक स्पॉट पर स्थित है और इस क्षेत्र में तीव्र मोड़ होने के कारण यहां नई और सुरक्षित संरचना आवश्यक है। इसके निर्माण के लिए केंद्र से मदद ली जाएगी। रामगढ़ बांध के भराव क्षेत्र में आज वर्षा कराने के लिए ड्रोन तकनीक का प्रयोग प्रस्तावित था, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के चलते उसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
उन्होंने आमजन से अपील की कि वे सतर्क रहें, प्रशासन का सहयोग करें और आवश्यकता पड़ने पर नियंत्रण कक्ष अथवा नजदीकी अधिकारी से संपर्क करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत कार्यों में कोई कोताही न हो और जलभराव वाले क्षेत्रों में शीघ्र राहत पहुँचाई जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश