हिमाचल कैबिनेट की करुणामूलक आश्रितों को सौगात, सालों से अटके 172 बिजली प्रोजेक्ट रद्द
Cm


शिमला, 30 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। सबसे बड़ा फैसला करुणामूलक आधार पर आश्रितों को नौकरी देने को लेकर लिया गया। इसके तहत 500 पदों को भरने की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही अब पात्रता की वार्षिक आय सीमा ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दी गई है। 45 वर्ष से कम आयु की विधवाओं और अनाथ बच्चों को भी इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं जहां पांच प्रतिशत कोटे में जगह खाली नहीं है, वहां पात्र आवेदकों को एक बार छूट भी दी जाएगी।

बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा को लेकर भी अहम फैसले हुए। शिमला के सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की सीटें 60 से बढ़ाकर 100 कर दी गई हैं, जबकि टांडा के राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज में नए बीएससी नर्सिंग कॉलेज को मंजूरी दी गई है, जहां 60 सीटें होंगी। इसके सुचारू संचालन के लिए 27 नए पद भी सृजित किए जाएंगे। इसके अलावा बीएड का कॉमन एंट्रेंस टेस्ट अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया जाएगा।

महिलाओं के लिए कामकाजी माहौल को बेहतर बनाने के लिए भी मंत्रिमंडल ने निजी संस्थानों में महिलाओं को स्वेच्छा से 8 की बजाय 12 घंटे काम करने की मंजूरी दी है। साथ ही दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लैंगिंक समानता प्रदान करने के लिए शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की भी इजाजत दी गई है, पर उन्हें मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत सभी लाभ भी मिलेंगे।

पॉवर सेक्टर को मजबूत करने के लिए कैबिनेट ने हिम ऊर्जा के अधीन कई वर्षों से अटके पड़े 172 लघु जल विद्युत परियोजनाओं को रद्द करने का बड़ा फैसला किया है। इन परियोजनाओं का काम लंबे समय से रुका हुआ था और अब इन्हें दोबारा से सर्वे कर टेंडर किया जाएगा। साथ ही पांच मेगावाट तक की नई परियोजनाओं में 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी और एक प्रतिशत स्थानीय विकास कोष देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा पांच मेगावाट से ज्यादा की 22 परियोजनाओं को भी रद्द कर दिया गया है जिन पर अब तक कोई समझौता नहीं हुआ था। शेष परियोजनाओं को नोटिस का जवाब देने के लिए 5 अगस्त तक का समय दिया गया है।

बैठक में एचपीपीसीएल की कर्ज सीमा भी 5000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपये कर दी गई है, जिससे पॉवर सेक्टर में जरूरी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। वहीं नालागढ़ में बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क पर विचार के लिए एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति बनाई गई है, जो दो महीने में रिपोर्ट देगी।

मंत्रिमंडल ने शिमला-धर्मशाला-शिमला हवाई सेवा को एक साल के लिए बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की समयसीमा को भी एक साल बढ़ाकर अगस्त 2026 तक कर दिया गया है। बैठक में जिला सिरमौर के धौलाकुआं माजरा क्षेत्र के लिए विकास योजना को स्वीकृति दी गई, जिससे क्षेत्र में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

इसके अलावा कांगड़ा जिले के पटवार सर्कल नलेटी का पुनर्गठन कर कुछ गांवों को प्रागपुर तहसील के पटवार सर्कल गढ़ में शामिल किया गया है। बैठक में हिमाचल में नशे की स्थिति पर भी एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई और इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। इन फैसलों से प्रदेश में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा