डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर शासन के हित की भूमि निजी व्यक्ति के नाम करने के मामले में दो कर्मचारी निलंबित
जबलपुर, 3 जुलाई (हि.स.)।तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर आधारताल तहसील के अंतर्गत ग्राम रेगवां की शासन की 1.90 हेक्टेयर भूमि निजी व्यक्ति के नाम दर्ज करने के मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर तहसील कार्यालय आधारताल में पदस्थ सहा
डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर शासन के हित की भूमि निजी व्यक्ति के नाम करने के मामले में दो कर्मचारी निलंबित.


जबलपुर, 3 जुलाई (हि.स.)।तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर आधारताल तहसील के अंतर्गत ग्राम रेगवां की शासन की 1.90 हेक्टेयर भूमि निजी व्यक्ति के नाम दर्ज करने के मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर तहसील कार्यालय आधारताल में पदस्थ सहायक ग्रेड-तीन रमाशंकर मिश्रा और मिलन वरकड़े को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित किये गये कर्मचारी तहसीलदार आधारताल एवं अतिरिक्त तहसीलदार आधारताल के रीडर रहे हैं।

इन कर्मचारियों के निलंबन के आदेश अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह द्वारा जारी किये गये हैं। निलंबन की यह कार्रवाई तत्कालीन तहसीलदार आधारताल दिलीप पटेल (वर्तमान में तहसीलदार कुंडम) के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। निलंबन आदेश में कहा गया है कि इन कर्मचारियों ने उनकी अभिरक्षा में रखे गये तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर ग्राम रेगवां की शासन के हित में निहित भूमि को जिस निजी व्यक्ति के नाम किया था, उसने इस भूमि को खुर्द-बुर्द कर अन्य व्यक्तियों को बेच दिया है।

आधारताल के तत्कालीन तहसीलदार दिलीप पटेल ने अपने प्रतिवेदन में कहा था कि उनके कार्यकाल के दौरान पूर्व में निराकृत न्यायालयीन प्रकरण ( अनिल चढार पिता हुब्बीलाल चढार) में उनके डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग किया गया है। इस प्रकरण का पंजीयन 25 जनवरी 2024 को हुआ था तथा 19 फरवरी 2024 को पूर्ववर्ती तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे द्वारा इसका निराकरण मात्र एक पंक्ति का आदेश पारित कर आर्डर शीट अपने डिजिटल सिग्नेचर से आरसीएमएस पोर्टल पर अपलोड की गई थी। लेकिन आरसीएमएस पोर्टल पर अपलोड किये गये इस आदेश में धुर्वे ने 25 जनवरी 2024 को उनके द्वारा हस्तलिखित आदेश की वह आर्डर शीट संलग्न नहीं की, जिसमें शासन के हित वाली ग्राम रेगवां की खसरा नम्बर 69 की 1.90 हेक्टयर भूमि निजी व्यक्तियों के नाम कर दी गई थी।

तत्कालीन तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे के इस हस्तलिखित आदेश की मूल प्रति को 1 मई 2024 को तहसीलदार दिलीप पटेल के कार्यभार ग्रहण करने के बाद बिना उनकी अनुमति के उनके डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर तत्कालीन रीडर रमाशंकर मिश्रा एवं तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार के रीडर मिलन वरकड़े द्वारा आरसीएमएस पृथक से अपलोड कर दिया गया।

प्रकरण सामने आने पर इन कर्मचारियों के पृथक से कथन लिये गये, लेकिन ये दोनों समाधानकारक जवाब नहीं दे सके। बिना अनुमति के तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के आरोप में निलंबित किये गये कर्मचारियों में से तहसीलदार आधारताल के रीडर रहे रमाशंकर मिश्रा का निलंबन अवधि में मुख्यालय अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालय सिहोरा एवं मिलन वरकड़े का मुख्यालय अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यायय तत्कालीन कुंडम नियत किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक