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पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा: संवाद से समाधान के सेतु बन रहे शिविर
जोधपुर, 3 जुलाई (हि.स.)। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत जनकल्याण के लिए आयोजित शिविरों में सरकार की योजनाएं न सिर्फ कागज़ों में, बल्कि ज़मीन पर असर दिखा रही हैं।
पंचायत समिति भोपालगढ़ की ग्राम पंचायत आसोप में आयोजित कैंप में जब राधा देवी पत्नी गिरधारीराम डांगी,वार्ड नं. 9 डांगियों के मोहल्ले से आईं, तो उनके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी। उन्होंने बताया कि बीते दो वर्षों से खाद्य सुरक्षा योजना के तहत उन्हें जो गेहूं मिलते थे, वह अब बंद हो चुके हैं। साथ ही उनकी दो बेटियों का आधार सीडिंग नहीं होने के कारण उनके नाम से भी राशन नहीं मिल रहा।
इस समस्या को सुनकर खाद्य विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों ने शिविर स्थल पर ही तत्परता से समाधान किया। न केवल राधा देवी की शिकायत का निस्तारण किया गया, बल्कि उनकी दोनों बेटियों के नाम भी आधार सीडिंग कर राशन कार्ड में जोड़ दिए गए। इस छोटे से हस्तक्षेप ने राधा देवी के चेहरे पर संतोष और विश्वास की मुस्कान ला दी।
वहीं पंचायत समिति तिंवरी के अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र में आयोजित शिविर में मंगाराम पुत्र धोकल राम पधारे, जो मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते थे। उन्होंने शिविर प्रभारी सूरजपाल सिंह (तहसीलदार) से अनुरोध किया। सिंह ने विभागीय समन्वय से छात्रावास अधीक्षक रविंद्र सारण को निर्देश दिए, जिन्होंने राजएसएसपी एप के माध्यम से मौके पर ही मंगाराम का नि:शुल्क पेंशन आवेदन दर्ज किया।
आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होने पर पीपीओ की प्रति तुरंत सौंपी गई, जिससे मंगाराम भावुक हो उठे और राज्य सरकार के प्रति आभार जताया। इसी तरह धवा ग्राम पंचायत में आयोजित फॉलोअप कैंप में डोली निवासी चेनाराम पुत्र बिरमाराम पहुंचे। उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई कि उनके पिता के नाम में हुई अशुद्धि के कारण उन्हें केसीसी और अन्य राजस्व कार्यों में लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि यह त्रुटि वर्ष 2018 से चली आ रही थी। चेनाराम ने मौके पर तहसीलदार झंवर के समक्ष सुधार का निवेदन किया।
तत्परता दिखाते हुए हल्का पटवारी द्वारा मौके पर ही जांच की गई और जनसमुदाय व दस्तावेजों से पुष्टि के बाद रिकॉर्ड सुधार की कार्यवाही शुरू हुई। आदेश जारी होते ही खाते में चेनाराम पुत्र बिरमाराम के स्थान पर चेनाराम पुत्र विरमराम को दर्ज किया गया। यह सुधार चेनाराम के लिए न केवल दस्तावेजी पहचान की बहाली थी, बल्कि उसके भविष्य की योजनाओं को भी संबल देने वाला कदम बना।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश