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सहरसा, 3 जुलाई (हि.स.)। पटना से आयी निगरानी अन्वेषण विभाग की टीम गुरुवार को जिला मत्स्य कार्यालय सहरसा पहुंची। टीम ने चेंबर में ही मत्स्य पालक से 40 हजार रुपए घूस लेते जिला मत्स्य पदाधिकारी सह जिला कार्यपालक पदाधिकारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। पदाधिकारी काे टीम अपने साथ पटना लेकर चली गई।
जिला मत्स्य पदाधिकारी पर पिछले दिनों पटना स्थित निगरानी अन्वेषण विभाग में परिवार वाद दायर किया गया था,जिसमें जिले के कहरा प्रखंड क्षेत्र के बनगांव निवासी टुन्ना मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाकर कहा था कि प्रधानमंत्री मत्स्य परियोजना के तहत जिंदा मछली पालन केंद्र के निर्माण में सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बदले 20% का कमीशन जिला मत्स्य पदाधिकारी सह जिला कार्यपालक पदाधिकारी सुबोध कुमार मांग रहे हैं। जिन्हें देने में असमर्थकता व्यक्त करने पर सब्सिडी की राशि रोक लेने की धमकी दी गई थी, जिसकी शिकायत पटना के निगरानी अन्वेषण विभाग में दिया गया था। परिवार वाद दायर होने के बाद इसकी पहले जांच पड़ताल की गई थी। कई राउंड में हुई जांच में पीड़ित की शिकायत सत्य पाई गई थी,जिसके बाद गुरुवार 3 जुलाई को पटना की निगरानी अन्वेषण विभाग के डीएसपी सदानंद कुमार के नेतृत्व में टीम सहरसा पहुंची, जहां पीड़ित टुन्ना मिश्रा के रुपए पर अपनी पहचान लगाकर उन्हें घूस देने जिला मत्स्य पदाधिकारी के निकट भेजा गया था। फिर जैसे ही जिला मत्स्य पदाधिकारी सुबोध कुमार ने पीड़ित से 40 हजार रुपए की घूस को रिसीव कर अपने पास रखा। वैसे ही निगरानी अन्वेषण विभाग की टीम उनके चेंबर में घुसी। उन्हें रंगे हाथ पकड़ा और 40 हजार की रकम को वापस बरामद किया। जिसके बाद पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद उन्हें अपने साथ पटना लेकर चली गई।
पटना से पहुंची निगरानी विभाग के डीएसपी सदानंद कुमार ने बताया कि सहरसा के बनगांव निवासी टुन्ना मिश्रा के शिकायत पर परिवारवाद दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने जिला मत्स्य पदाधिकारी पर प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के अंतर्गत बिक्री केंद्र खोलने के लिए सब्सिडी निर्गत करने के नाम पर 40000 की घूस मांगने का आरोप लगाया था। प्राथमिक प्रक्रिया में शिकायत सत्य पाई गई थी। जिसके बाद उन्हें 40 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था। उनके ऊपर बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार