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फतेहाबाद, 3 जुलाई (हि.स.)। भारत सरकार की ओर से आई कृषि विशेषज्ञों की टीम ने गुरूवार को फतेहाबाद क्षेत्र के गांव मताना व बीघड़ में जाकर गुलाबी सुंडी के प्रकोप का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पता चला की गुलाबी सुंडी का फिलहाल कपास की फसल पर प्रभाव नहीं है। इस दौरान कपास की खेती करने वाले किसानों को सलाह दी गई कि जिन किसानों ने अपने खेत में कपास की बछंटी का भंडारण कर रखा है। उन किसानों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इन किसानों के खेतों में गुलाबी सुंडी का प्रभाव अधिक होता है। इसके अलावा इन्हें सुझाव भी दिया गया कि कपास की बछंटियों को खेतों में इक्कठा न करें और अगर करते हैं तो इन्हें प्लास्टिक की सीट से ढक कर रखें। शुरुआती अवस्था में गुलाबी सुंडी से प्रभावित नीचे गिरे फूल, फूल डोडी व टिंडों को एकत्रित करके जला दें। इसके साथ ही किसानों को कपास में लगने वाले कीट एवं व्याधि से निपटने के बारे में जानकारी प्रदान की गई तथा सलाह दी जाती है कि फसल के शुरुआती दौर में एक खेत में कीटों की निगरानी रोकथाम के लिए कम से कम 2-5 फेरोमन ट्रैप प्रति एकड़ का इस्तमाल करे। सर्वेक्षण के दौरान किसानों को एनपीएसएस मोबाइल एप राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली, मोबाइल एप के उपयोग के बारे में जानकारी भी दी जिससे किसान एप के माध्यम से अपनी फसल में लगने वाले कीट एवं व्याधि की जानकारी और सलाह तत्काल प्राप्त कर सकेंगे और अनावश्यक केमिकल पेस्टीसाइड का इस्तमाल रोका जा सकेगा। इस संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान टीम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशिजीव प्रबंधन केंद्र फरीदाबाद से वनस्पति संरक्षण अधिकारी डॉ. लक्ष्मीचंद, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी डॉ. सूरज बरनवाल व डॉ. केपी शर्मा, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी जगीर सिंह, कृषि विकास अधिकारी सुरेश कुमार व कृषि पर्यवेक्षक लवदीप शर्मा सहित क्षेत्र के गणमान्य किसान उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा