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मंदसौर, 3 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ निवेदिता शर्मा, सदस्य ओंकार सिंह ने जिला पंचायत में बैठक कर जिला अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए। उन्होंने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि शासकीय, अशासकीय स्कूलों में बच्चों से संबंधित सभी हेल्पलाइन नंबर चस्पा करें। स्कूलों, छात्रावासों में शिकायत पेटी भी लगवाए। शिकायत के निराकरण के लिए समिति बनाएं तथा समय पर शिकायत का निराकरण करें।
पॉस्को एक्ट के अंतर्गत प्रकरणों के निराकरण हेतु समिति बनाएं तथा जितने प्रकरण है उनका तुरंत निराकरण करें। बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों की काउंसलिंग के लिए अलग से रूम हो। बच्चों के संबंध में सपोर्ट पर्सन से बात करें। सपोर्ट पर्सन से लगतार संपर्क में रहे। वन स्टॉप सेंटर, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे सक्रिय रहे। जेजे एक्ट को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करें। प्रकरणों में पुलिस अपनी पूरी रिपोर्टिंग बहुत अच्छे से करें। बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत अनुकूल जैन, महिला एवं बाल विकास अधिकारी बीएल वैष्णव, बाल अधिकार संरक्षण आयोग से जुड़े सभी जिलाधिकारी मौजूद थे।
बच्चों की शिक्षा के अधिकारों का हनन न हो, इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें। श्रम विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि बाल श्रम न हो इसके लिए लगातार निरीक्षण करें, चेकिंग करें। ऐसे श्रमिक जिनको न्यूनतम से कम वेतन मिल रहा है उनको वेतन दिलाए। महिला एवं बाल विकास विभाग बाल विवाह रोकने के लिए एक टीम बनाएं। इसके लिए एसओपी निर्धारित करें। बाल विवाह रोकने के बाद उसका फॉलोअप भी लेवे। बाल विवाह न हो इसके लिए लोगों को प्रेरित करें। घुमंतु समुदाय के बच्चों को छात्रावास की सुविधा दिलाए, इसके लिए प्रयास करें। ऐसे बच्चे छात्रावास में अधिक से अधिक जाए इस हेतु बच्चों को प्रेरित करें। ऐसे बच्चे जो बीच में ही स्कूल छोड़ देते हैं, स्कूल छोड़ने के कारण को समझे और उसका समाधान निकालें। जिले में कोई मदरसा बिना पंजीयन के नहीं चले इसका निरीक्षण करें तथा समय-समय पर जांच करें। मदरसों की मान्यताओं को चेक करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया