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धर्मशाला, 03 जुलाई (हि.स.)। चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के करुणामूलक आश्रित परिवारों ने वीरवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को 40 सालों से कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में लंबित पड़े मामलों से उन्हें अवगत करवाया। इस मौके पर स्थानीय विधायक आशीष बुटेल और देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर जो कि सीनेट बैठक में सदस्य के तौर पर शामिल हुए भी मौजूद रहे।
इन सभी परिवारों का कहना है कि काफी लंबे समय से यह परिवार करुणामूलक नौकरी बहाली के लिए सरकारों के समक्ष अपने आवाज उठा रहे हैं।जबकि 1988 का केस कृषि विश्वविद्यालय में पेंडिंग पड़ा है क्या वजह है किन कारणों की वजह से कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के आला अधिकारी खुद को असहाय महसूस करते हैं। पूरे हिमाचल प्रदेश के सभी विभागों में केवल कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ही ऐसा विभाग है जहां पर 1988 का केस लाइन में लगा है, लेकिन आज दिन तक विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया।
इन परिवारों द्वारा राज्यपाल के समक्ष कहा गया कि जब भी कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में फाइनेंस की मीटिंग या फिर बोर्ड आफ मैनेजमेंट की मीटिंग होती है तो इन करणामूलक परिवारों का एजेंडा तो लिया जाता है पर पता नहीं किन वजहों से इस एजेंडे को रिजेक्ट करके परिवारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। सरकार द्वारा सभी विभागों बोर्ड निगमो में करुणा मूलक आधार पर भर्तियां की जाती हैं लेकिन कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में क्यों नहीं की जा रही हैं। जिस बजह से इन परिवारों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर किया जाता है।
इन परिवारों द्वारा राज्यपाल से करणामूलक परिवारों का एजेंडा वन टाइम सेटलमेंट के लिए लाए जाने की मांग की ताकि सभी करुणा मूलक परिवारों को एक साथ नियुक्तियां मिल पाएं। उधर राज्यपाल ने इन परिवारों को आश्वासन दिया कि जल्द ही इस बाबत उचित फैसला लिए जाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए जाएंगे।
करुणामूल्क संघ के राज्य मीडिया प्रभारी गगन कुमार की अध्यक्षता में राज्यपाल से मिले कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के करुणामूलक आश्रितों में संजीव कुमार, निशांत, संजीव, कुशल, संदीप, सनी, संतोष व अन्य करुणामूलक आश्रित महिलाएं भी शामिल थी।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया