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हरदा, 3 जुलाई (हि.स.)। जिले में मूंग खरीदी पंजीयन का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक करीब 40 हजार किसानों का पंजीयन हो चुका है। 5 जुलाई तक पंजीयन कार्यवाही चलेगी। दो-तीन दिन का समय शेष है। समर्थन मूल्य का फायदा लेने के लिए आदिवासियों की जमीन दूसरे किसान मूंग का पंजीयन करा रहे हैं। फर्जी तरीके से खोट नामा तैयार करके ऐसा खेल किया जा रहा है। जिस खेत में मूंग की होनी नहीं हुई थी वहां भी मूंग की बोनी रिकॉर्ड में दिखाकर पंजीयन करवाया जा रहा है। मूंग पंजीयन में व्यापक पैमाने फर्जी वाड़े की खबर है। कम कीमत में मूंग खरीदकर पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य का लाभ लेकर लखपति बनने के फिराक में सुनियोजित षड़यंत्र के तहत ऐसा किया जा रहा है। जांच पड़ताल होगी तो पंजीयन में चौंकाने वाला फर्जी वाडा जग जाहिर हो जायेगा ।
जून माह में 1.50 लाख क्विंटल मूंग की खरीदी -
जून माह में अकेले करीब 1.50 लाख क्विंटल मूंग की खरीदी जिले के चारों मंडियों में हुई है। अकेले खिड़किया में 75 हजार क्विंटल, 40-45 टिमरनी में, 10-15 क्विंटल सिराली व अन्य मंड़ियों में मूंग की खरीदी हुई है।
अब तक 2.50 लाख क्विंटल मूंग की खरीदी -
जब से मूंग तैयार हुई तब से अप्रैल, मई, जून और जुलाई में करीब 2.50 लाख क्विंटल मूंग की खरीदी हो चुकी है। अब समर्थन मूल्य पर मूंग की बिक्री कहां से होगी यह यक्ष प्रश्न बन गया है। ज्यादातर किसानों में मूंग बेच दिया है। छोटे-मोटे वह बड़े व्यापारियों ने मूंग की खरीदी कर ली है। अब वही आदिवासियों की भूमि पर मूंग का पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी में शामिल होना चाहते हैं।
लेट लतीफी के कारण बिका मूंग -
समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी में लेट लतीफी के कारण मूंग बाजार व मंडी में बिक गई, कर्ज अदा करने के लिए छोटे किसानों ने मूंग बेच दी। अब जो मूंग की खरीदी किये हैं वही किसान बनकर पंजीयन कराकर खरीदी में भाव लेकर समर्थन मूल्य का लाभ लेंगे ।
सांठगांठ से हो रहा फर्जी पंजीयन -वाष्ट
राम जीवन वाष्ट का कहना है कि मूंग खरीदी का पंजीयन सांठगांठ से किया जा रहा है। जिसके कारण फर्जीवाडा उजागर नहीं हो पा रहा है। अब इसकी जांच कराकर कार्यवाही करने की मांग जोर पकड़ रही है। पंजीयनकर्ता किसानों की संख्या देखकर सभी आश्चर्यचकित हैं और संख्या पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सच्चाई क्या है पता लगाकर कार्यवाही की जाये।
पंजीयन की जांच से खुलेगी पोल -खोरे
किसान नेता रामनिवास खोरे का कहना है कि अब तक करीब 40 हजार किसानों ने पंजीयन करा रखा है। जिसकी जांच पड़ताल कर दस्तावेजों का सत्यापन मौके पर जाकर किया जाये तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। फुटकर व्यापारी हर वर्ष ऐसा करते हैं। सांठगांठ करके फर्जी तरीके से पंजीयन की कार्यवाही में भाग ले रहे हैं। जिसे कोई देखने व सुनने वाला नहीं है।
पंजीयन कर्ता किसानों की जांच कराई जाय -
पंजीयन कराने वाले किसानों के दस्तावेजों की जांच कराई जाये। खोटनामा में कितनी सत्यता है उसका पता लगाया जाये तो किसान की आड़ में व्यापारी मूंग खरीदी में भाग लेकर समर्थन मूल्य का लाभ लेंगे।
सांठगांठ से हो रहा फर्जी पंजीयन -वाष्ट
राम जीवन वाष्ट का कहना है कि मूंग खरीदी का पंजीयन सांठगांठ से किया जा रहा है। जिसके कारण फर्जीवाडा उजागर नहीं हो पा रहा है। अब इसकी जांच कराकर कार्यवाही करने की मांग जोर पकड़ रही है। पंजीयनकर्ता किसानों की संख्या देखकर सभी आश्चर्यचकित हैं और संख्या पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सच्चाई क्या है पता लगाकर कार्यवाही की जाये।
हिन्दुस्थान समाचार / Pramod Somani