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जौनपुर,03 जुलाई (हि.स.)। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ (विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए) शारिक सिद्दीकी की अदालत ने गुरुवार को 15 वर्ष पूर्व केराकत थाना क्षेत्र के बेलवा घाट गोमती नदी के पुल के ठेके को लेकर हुए विवाद में गोली मारकर दोहरे हत्याकांड का फैसला सुनाया। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह, आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह व सुनीत सिंह को दोषमुक्त कर दिया।
अभियोजन कथानक के अनुसार केराकत थाना क्षेत्र के बेलांव गांव निवासी राजेंद्र ने मुकदमा दर्ज करवाया कि गोमती नदी पर पुल बना है जिसके टोल का ठेका 8-9 वर्ष पहले से मेरे पिताजी के नाम से है। बैरियर पर गुमटी रखकर परिवार के लोग टैक्स की वसूली करते हैं। पास में नंदलाल की चाय की दुकान है। 1 अप्रैल 2010 को सुबह 5:15 बजे छोटेलाल, नंदलाल बैरियर पर थे तथा मैं व मेरा लड़का वीरेंद्र, संजय, योगेंद्र और संजय के दोस्त उमाशंकर बैरियर के पीछे स्थित आवास पर थे। तभी छोटेलाल ने संजय को आवाज दिया कि मोटरसाइकिल से तीन लोग आए हैं और टोल का पैसा नहीं दे रहे हैं संजय के पैसा मांगने पर दोनों बदमाश संजय व नंदलाल को गोली मार दिए और बेलाँव गांव की ओर भाग गए। दोनों घायलों को तुरंत सिंह नर्सिंग होम वाराणसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। कल 31 मार्च की शाम 6:00 बजे यही तीनों बदमाश टोल को लेकर कहा सुनी किए थे। जिसमें से एक 40 वर्ष का व अन्य दोनों 20 वर्ष के थे। विवेचना के दौरान धनंजय सिंह, आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह एवं सुनीत सिंह का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने चारों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह के द्वारा कुल 20 गवाह परीक्षित करवाए गए। अधिकतर गवाह अपने बयान से मुकर गए। परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने चारों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव