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गुवाहाटी, 3 जुलाई (हि.स.)। रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के क्षेत्राधिकार में अलुआबाड़ी रोड और ठाकुरगंज सेक्शन के कुल 19.95 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के दोहरीकरण कार्य को मंजूरी दे दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 326.67 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना मल्टी-ट्रैकिंग और फ्लाईओवर/बाईपास कार्यों के लिए स्वीकृत की गयी है।
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर किशोर शर्मा ने गुरुवार को बताया कि इस दोहरीकरण से क्षेत्रीय गतिशीलता में सुधार, यात्रा समय में कमी और ट्रेनों की समयबद्धता में वृद्धि होगी। इससे पूर्वी बिहार और उत्तर बंगाल के लोगों को काफी लाभ होगा। इससे कृषि उपज, उपभोक्ता वस्तुओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं से लदे मालगाड़ियों का भी सुगम आवागमन हो सकेगा। दोहरीकरण के बाद स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और किसानों तथा व्यापारियों के लिए बेहतर बाजार पहुंच सुनिश्चित हो सकेगा।
दरअसल, अलुआबाड़ी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाले हाई डेन्सिटी नेटवर्क मार्ग पर अलुआबाड़ी रोड-ठाकुरगंज सेक्शन स्थित है। इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर पहले से ही उच्च उपयोग दर 94 फीसदी दर्ज की गई है। 2027-28 तक इसके 200 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है। इस सेक्शन के दोहरीकरण से लाइन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार, विलंबन समय में कमी और ऑपरेशनल फ्लेक्सिब्लिटी बढ़ने की उम्मीद है। अररिया और गलगलिया के बीच नई लाइन जैसी समानांतर बुनियादी संरचना वाली परियोजनाओं के पूर्ण होने से इस सेक्शन की रणनीतिक प्रासंगिकता और भी बढ़ जाएगी।
यह परियोजना बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में परिवहन नेटवर्क की समग्र दक्षता को बढ़ाएगी, जिससे इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर भीड़ कम होगी। चूंकि यह सेक्शन भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के बीच एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में सेवा देता है। लिहाजा, एनएफआर इस परियोजना को कुशलतापूर्वक क्रियान्वित करने को प्रतिबद्ध है, जिससे कि क्षेत्र की कनेक्टिविटी और विकास को अधिकतम लाभ सुनिश्चित हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश