आदिवासी परिवारों की जमीन बेचने वालों पर हो कार्रवाई: सर्व आदिवासी समाज
धमतरी, 3 जुलाई (हि.स.)। सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने तीन जुलाई को पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस में प्रेस कांफ्रेंस कराकर गलत ढंग से धमतरी में 154 परिवारों के जमीन को बेचने के लिए दिए परमिशन के लिए तत्कालीन कलेक्टर व एसडीएम के खिलाफ थाने में रिपोर्
प्रेस कांफ्रेंस कराकर आरोप लगाते हुए आदिवासी समाज के पदाधिकारी।


धमतरी, 3 जुलाई (हि.स.)। सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने तीन जुलाई को पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस में प्रेस कांफ्रेंस कराकर गलत ढंग से धमतरी में 154 परिवारों के जमीन को बेचने के लिए दिए परमिशन के लिए तत्कालीन कलेक्टर व एसडीएम के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। साथ ही इस जमीन के रजिस्ट्री को शून्य घोषित करके पीड़ित परिवारों को खेती-किसानी के लिए वापस दिलाने की मांग शासन-प्रशासन से की है। मांगे पूरी नहीं होने पर आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने कोर्ट जाने की चेतावनी दिए है।

सर्व आदिवासी समाज धमतरी के जिलाध्यक्ष जीवराखन लाल मरई पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाते हुए कहा है कि जिले में 154 आदिवासी समाज के लोगों के खेती जमीन को तत्कालिन कलेक्टर, एसडीएम समेत अन्य राज नेताओं के संरक्षण पर बेचने के लिए गलत ढंग से परमिशन दिया है, जो नियम विरूद्ध है। जबकि जरूरतमंद वास्तविक 92 परिवारों को परमिशन ही नहीं दिया गया। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधानसभा बजट में नियम का उल्लेख करते हुए बताया था कि आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी व्यक्ति को विक्रय पश्चात बेचने वाले आदिवासी के पास सिचिंत भूमि कम से कम पांच एकड अथवा असिचिंत भूमि 10 एकड़ शेष रहना चाहिए। इस नियम का पालन धमतरी में तत्कालिन कलेक्टर व राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नहीं किया है और नियम विरूद्ध आदिवासियों के जमीन को बेचने परमिशन दे दिया गया है, जो गलत है। समाज के पदाधिकारी ऐसे तत्कालिन कलेक्टर व एसडीएम समेत संलिप्त अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ जल्द ही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। समाज के लोगों की मांग है कि शासन शीघ्र ही इन आदिवासियों के जमीन की रजिस्ट्री को शून्य करें, ताकि आदिवासी परिवारों को उनका जमीन वापस हो सके। सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्ष बीएस रावटे का आरोप है कि भाजपा की सरकार जब से आया है, तब से आदिवासियों को उजाड़ा जा रहा है। राज्य शासर शीघ्र ही गलत ढंग से धमतरी में बेचे गए आदिवासियों के जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित करके वास्तविक हकदार आदिवासी परिवारों को जमीन वापस दिलाने की मांग की है। सर्व आदिवासी समाज द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में दिए लिस्ट के अनुसार आदिवासियों का जमीन शहर के कई बड़े नेताओं और पूंजीपतियों के नाम पर है, जिन्होंने सांठगांठ कर व रुपये देकर नियम विरूद्ध आदिवासियों के जमीन को परमिशन कराकर अपने नाम पर कर लिया है।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सर्व आदिवासी समाज के महेश रावटे, शिव नेताम, खिलेन्द्र पडोटी, हरिशंकर मरकाम और हेमंत धु्रव उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा