रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट के कब्जे से लगभग छह एकड़ जमीन वापस ली
राजभवन और आकाशवाणी मंदिर के सामने स्थित पांच एकड़ से ज्यादा जमीन


रायपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। राजधानी की सबसे बेशकीमती शासकीय भूमि को लेकर वर्ष 2017 से चल रहा संघर्ष आखिरकार रंग लाया।छत्तीसगढ़ शासन ने राजधानी रायपुर के सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित यूनाइटेड चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट के कब्जे से लगभग छह एकड़ जमीन वापस ले ली है। यह जमीन सिविल लाइन क्षेत्र में गास मेमोरियल ग्राउंड, राजभवन और आकाशवाणी काली मंदिर के सामने स्थित है।यह जानकारी सोमवार देर शाम रायपुर के कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने दी है।अब इस जमीन का सार्वजानिक उपयोग किया जायेगा।

कलेक्टर ने जानकारी दी है की अरबों रुपये की उक्त जमीन को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा था । सौ वर्ष पहले 1922 में वर्ष 1922 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान सीएनआई ट्रस्ट को रायपुर के ब्लाक नंबर 15, प्लाट नंबर पांच में 2,59,476 वर्गफुट (करीब छह एकड़) भूमि लीज पर दी गई थी। यह लीज 31 मार्च 2022 को समाप्त हो चुकी थी। इसके बाद भी ट्रस्ट द्वारा कब्जा जारी रखा गया था। हिंदू स्वाभिमान संगठन का आरोप है की उक्त लीज की जमीन को वर्ष 2016 में बेच दिया गया है।

हिंदू स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष विश्वदिनी पांडे ने बताया कि 14 सितंबर 2017 को तहसीलदार (नजूल) न्यायालय में याचिका दायर की थी। जांच पूरी होने के बावजूद भी कब्जा वापस नहीं लिया गया था। उन्होंने बताया कि राजभवन, आयकर भवन, एलआइसी कार्यालय व गास मेमोरियल के आसपास ऐसी लगभग 35 एकड़ शासकीय नजूल भूमि पर चर्च ट्रस्ट का कब्जा है, जिनकी लीज की अवधि समाप्त हो चुकी है और उसका अवैध उपयोग किया जा रहा है।

अपर कलेक्टर, रायपुर कीर्तिमान राठौर ने बताया है कि शासन के निर्देशानुसार जमीन का सीमांकन करवा कर कब्जा मुक्त करा लिया गया है। वहां चारदीवारी बनाने का काम शुरू हो गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा