कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों में स्थायी जज के रुप में नियुक्ति करने की अनुशंसा की
सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने दो उच्च न्यायालयों में चार जजों और चार उच्च न्यायालयों में पहले से नियुक्त आठ एडिशनल जजों को स्थायी जज के रुप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है। कॉलेजियम की यह बैठक 28 जुलाई को हुई थी।

कॉलेजियम ने बांबे उच्च न्यायालय के लिए तीन और दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए एक जज की नियुक्ति की अनुशंसा की है। कॉलेजियम ने बांबे उच्च न्यायालय के जज के रुप में अजीत भगवानराव कडेठनकर, आरती अरुण साठे और सुशील मनोहर घोदेश्वर के नाम की अनुशंसा की है। कॉलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए न्यायिक अधिकारी विमल कुमार यादव की नियुक्ति की अनुशंसा की है। इसी के साथ कॉलेजियम ने आंधप्रदेश उच्च न्यायालय के जिन एडिशनल जजों को स्थायी जज के रुप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है, उनमें जस्टिस हरिनाथ नुनेपल्ली, जस्टिस किरणमयी मांडावा, जस्टिस सुमति जगदम और जस्टिस न्यायपति विजय हैं। कॉलेजियम ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के एडिशनल जज जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल को स्थायी जज के रुप में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के एडिशनल जजों जस्टिस पार्थसारथी सेन और जस्टिस अपूर्ब सिन्हा रे और कर्नाटक उच्च न्यायालय के एडिशनल जज जस्टिस गुरुसिद्धैया बासवराजा को स्थायी जज के रुप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है।

कॉलेजियम ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के सात एडिशनल जजों को एक साल के लिए और एडिशनल जज के रुप में ही नियुक्त करने की अनुशंसा की है। कॉलेजियम ने जिन एडिशनल जजों को फिर से एक साल के लिए एडिशनल जज के रुप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है, उनमें जस्टिस बिश्वरुप चौधरी, जस्टिस प्रसेनजीत बिश्वास, जस्टिस उदय कुमार, जस्टिस अजय कुमार गुप्ता, जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्या, जस्टिस पार्थसारथी चटर्जी और जस्टिस मोहम्मद शब्बर रशीदी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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