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अनूपपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में चार हाथियों का समूह 46 दिनों से लगतार सैकड़ों ग्रामीणों के घरों, खेतों और बाड़ियों में रखे कई प्रकार के अनाजों को अपना आहार बनाया। पिछले पांच दिनों से जैतहरी के चोलना वन बीट अंतर्गत चोई और पड़रिया गांवों में रात के समय विचरण करते हुए हाथियों ने ग्रामीणों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। जो मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र में पुन: प्रवेश कर गये। इस दौरान हाथियों ने अनूपपुर, डिंडौरी, उमरिया और शहडोल जिले के क्षेत्रों में विचरण किया। चारों हाथियों ने पिछले पांच दिनों से जैतहरी के चोलना वन बीट अंतर्गत चोई और पड़रिया गांवों में रात के समय विचरण करते हुए हाथियों ने ग्रामीणों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है।
14 जून से मचा रहे थे उत्पात
जिले में चार हाथियों ने 46 दिन से अनूपपुर, डिंडौरी, उमरिया और शहडोल जिले के क्षेत्रों में विचरण करने के बाद अतत: मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र में पुन: प्रवेश कर गये। इससे गमीणों के साथ जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस दौरान चारो हाथियों ने सैकड़ों ग्रामीणों के घरों, खेतों और बाड़ियों में रखे कई प्रकार के अनाजों को अपना आहार बनाया। पिछले पांच दिनों से जैतहरी के चोलना वन बीट अंतर्गत चोई और पड़रिया गांवों में रात के समय विचरण करते हुए हाथियों ने ग्रामीणों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। परेशान ग्रामीणों ने हाथियों को भगाने के लिए जिला प्रशासन से हाथियों को जिले की सीमा से दूर करने की मांग की थी। यह हाथी समूह 14 जून की रात छत्तीसगढ़ से अनूपपुर जिले के जैतहरी क्षेत्र में प्रवेश किया था। इसके बाद जैतहरी, अनूपपुर, राजेंद्रग्राम के साथ-साथ डिंडौरी, उमरिया और शहडोल जिले में भी विचरण किया।
हाथी दिन में ग्रामीण क्षेत्रों से लगे जंगलों में अपना बसेरा बनाते और रात होते ही आहार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच कर ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर अंदर रखी खाने की सामग्रियों के साथ-साथ खेतों और बाड़ियों में लगी फसलों को भी नुकसान पहुंचाते रहे। हाथियों के अचानक गांव, टोला और मोहल्ले में पहुंचने के डर से ग्रामीणों में भय की स्थिति बनी रही। इस दौरान ग्रामीण अपने और अपने परिवार को बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेते रहे। अब हाथियों के जिले से बाहर जाने पर लोगों ने राहत की सांस ली है।
तैयार हो रहा राहत प्रकरण
राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम ने हाथियों से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर राहत प्रकरण तैयार किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कम राहत राशि मिलती है और पूर्व में हुए नुकसान की राहत राशि अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने शीघ्र ही राहत राशि दिलाए जाने की मांग की है।
किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
जिले के किसानों को हाथियों से हुए नुकसान को लेकर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सिंह के नेतृत्वश में कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर उचित मुआवजा एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो जिलेभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
जिसमे में कहा हैं कि जिले में बीते कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ की सीमा से भटके जंगली हाथियों के आतंक से आम नागरिकों और किसानों की जान-माल को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। जिले की सीमा में प्रवेश कर कोतमा, पुष्पराजगढ़ और अनूपपुर तहसीलों के विभिन्न गांवों और खेतों में भारी तबाही मचा रहे है। किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, घरों को नुकसान पहुंच रहा है और जनजीवन भयभीत है। कई बार हाथी घरों में घुसकर अनाज और धान को नष्ट कर चुके हैं। शासन-प्रशासन से मुआवजा राशि दी जाती है वह नाकाफी है और प्रक्रिया भी बेहद धीमी है, जिससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। साथ ही हाथियों के आतंक से प्रभावित ग्रामीणों को शीघ्र उचित मुआवजा दिए जाने, वन विभाग द्वारा इस मुद्दे पर तत्काल ठोस और प्रभावी कार्यवाही किए जाने, प्रभावित क्षेत्रों में जन-सुरक्षा हेतु उचित वन्य प्रबंधन और निगरानी रखे जाने की मांग रखी गई है।
ज्ञापन सौपने में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति सिंह, आशीष त्रिपाठी , उपाध्यक्ष भाई रियाज अहमद, पार्षद दीपक शुक्ला, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस अध्यक्ष रजन कुमार राठौर, आरटीआई प्रकोष्ट के अध्यक्ष अनिल चौधरी,यूवा नेता विवेक यादव, सचिन पटेल आरएसपी के वरिष्ठ नेता बुद्धसेन राठौर जी,लेखराम राठौर , उमेश राठौर सहित काग्रेस जन शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला