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मुरैना, 29 जुलाई (हि.स.)। कोटा बैराज से चंबल नदी में छोड़े गए पानी का असर अब इस अंचल में देखने को मिल रहा है। चंबल का जल स्तर भी बढ़ गया है। जिस वजह से चंबल किनारे के कई गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है, साथ ही राजस्व विभाग का अमला भी गांवों का भ्रमण कर रहा है। उधर अंबाह क्षेत्र में स्थित उसैद घाट पर भी चंबल का जल स्तर काफी बढ़ गया है, जिस वजह से वहां से स्टीमर का संचालन बंद करना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले चार पांच दिन से लगातार बारिश हो रही है। बारिश का यह दौर सिर्फ इस अंचल में ही नहीं अपितु कोटा राजस्थान क्षेत्र में भी जबरदस्त है। जिस वजह से कोटा बैराज से विगत दिवस चंबल नदी में पानी छोड़ा गया। चंबल नदी में पानी छोडऩे और लगातार अंचल में बारिश का यह असर हुआ कि नदी उफान पर आ गई है। मंगलवार की शाम 6 बजे चंबल नदी का राजघाट पुल पर जल स्तर 136 मीटर पर था जो खतरे के निशान से महज दो मीटर नीचे है। उधर दोपहर 12 बजे राजघाट पर चंबल का जल स्तर 134.5 मीटर पर था। माना जा रहा है कि अगर बारिश का दौर इसी प्रकार चलता रहा तो मंगलवार की रात तक चबल खतरे के निशान को पार कर जाएगी। क्यों कि चंबल का जल स्तर सुबह 8 बजे 133.7 मीटर था। लेकिन महज चार घंटे में ही एक मीटर की और बढ़ोत्तरी हो गई। उधर खतरे के निशान के नजदीक चंबल का पानी पहुंचने की वजह से इसके किनारे के करीब आधा सैंकड़ा गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। राजस्व विभाग का अमला ग्रामीणों को सजग रहने को कह रहा है। साथ ही नदी किनारे नहीं जाने की भी मुनादी कराई जा रही है।
स्टीमर बंद होने से कांवडिय़ों को आई दिक्क्त: उसैद घाट पर पानी बढ़ जाने की वजह से वहां पर स्टीमर का संचालन बंद करना पड़ा है। चूंकि अंबाह-पोरसा क्षेत्र में आने वाली कांवड़ इसी रास्ते से होकर आती हैं, इसलिए मंगलवार की सुबह जब स्टीमर का संचालन बंद हो गया जब वहां कांवड़ लेकर पहुंचे कांवडिय़ों को वापिस जाना पड़ा। कांवडि़ए 25-30 किलोमीटर का अतिरिक्त फेर लगाकर अंबाह-पोरसा क्षेत्र में आए।
हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा