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जयपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह पीटीआई भर्ती-1998 में याचिकाकर्ताओं को प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता सहित अन्य परिलाभ देने पर विचार करें। इसके लिए अदालत ने याचिकाकर्ताओं को राज्य सरकार के समक्ष अपना अभ्यावेदन देने को कहा है। जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने अदालत को बताया की राज्य सरकार ने साल 1998 में पीटीआई के पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसमें याचिकाकर्ता सफल हुए थे। राज्य सरकार ने भर्ती को लेकर पहली नियुक्ति 5 दिसंबर,1998 को दी थी। वहीं योग्यता संबंधी विवाद होने पर भर्ती अटक गई। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट से तय होने के बाद याचिकाकर्ताओं को साल 2003 में नियुक्ति दी गई। याचिका में कहा गया कि उन्हें भर्ती के पांच साल बाद नियुक्ति दी गई और इसमें याचिकाकर्ताओं की कोई गलती नहीं थी। वहीं एक भर्ती के सभी अभ्यर्थियों को एक समान परिलाभ दिए जाने चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में कई बार संबंधित अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में गुहार की गई कि उन्हें भर्ती की प्रथम नियुक्ति से वरिष्ढता सहित अन्य परिलाभ दिलाए जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने इस संबंध में याचिकाकर्ताओं को अपना अभ्यावेदन राज्य सरकार को देने और राज्य सरकार को इसे तय करने को कहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक