चंबल का कहर, गांव बने टापू, लोगों का किया जा रहा रेस्क्यू
चंबल का कहर, गांव बने टापू, लोगों का किया जा रहा रेस्क्यू  चंबल


चंबल का कहर, गांव बने टापू, लोगों का किया जा रहा रेस्क्यू  चंबल


श्योपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। मप्र के श्‍योपरु के पाली घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 196.66 मीटर है, जब‍कि नदी का डेंजर लेबल 199.50 मीटर है। इस वक्‍त चंबल नदी खतरे के निशान से 3 मीटर नीचे बह रही है। खातौली पर पार्वती नदी का जलस्तर 200.70 मीटर चल रहा है, नदी का डेंजर लेबल 198 मीटर है। पार्वती नदी खतरे के निशान से 2 मीटर के लगभग ऊपर चल रही है। ऐसे में कलेक्टर अर्पित वर्मा के निर्देशानुसार पार्वती नदी के खतरे के निशान से ऊपर होने की स्थिति में एसडीआरएफ की टीम द्वारा 40 ग्रामीणों का ग्राम सूंडी से रेस्क्यू किया गया है। एसडीएम बीएस श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि एहतियात के तौर पर पार्वती नदी के टापू पर बसे सूंडी गांव से 40 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उधर, विजयपुर क्षेत्र में चंबल नदी के बीच टापू पर बसे ग्राम सांड से भी एसडीआरएफ की टीम द्वारा 17 ग्रामीणों का रेस्क्यू किया गया है।

बडौदा बना टापू, अस्पताल, थाने में घर में घुसा पानी

जिले के बड़ौदा नगर में बीती रात से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। रातभर की बारिश के बाद नगर के सभी नाले उफान पर आ गए हैं। इससे पूरे नगर में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। स्थानीय लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं। नगर का मुख्य बाजार, मोहल्ले और दर्जनों घरों में पानी भर गया है। लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बड़ौदा से बारां की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग भी पार्वती नदी के उफान पर आने से पूरी तरह बंद हो गया है। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में घुटनों तक पानी भर गया है। इससे वहां स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मरीजों को पानी के बीच से होकर इलाज के लिए अंदर जाना पड़ रहा है। डॉक्टर और स्टाफ को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ौदा में यह स्थिति हर साल बनती है। बारिश के मौसम में नाले उफान पर आ जाते हैं।

जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से सारा पानी नगर की गलियों, दुकानों और घरों में भर जाता है। प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस बार की बारिश में हालात और भी गंभीर हो गए हैं। नगर के कई मोहल्लों में पानी कमर तक पहुंच गया है। दुकानदारों का माल भीग कर खराब हो गया है। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। कई घरों में पानी कमरे तक घुस गया है। लोगों को अपने सामान ऊपर रखना पड़ा है या फिर उन्हें घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। फिलहाल नगर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। बारिश थमने के बाद भी जलभराव के कारण राहत कार्यों में देरी हो रही है। लोगों को प्रशासन की ओर से तत्काल मदद की जरूरत है।

इन गांवों में किया गया अलर्ट जारी

राजस्थान में कालीसिंध पर बने नवनेरा डैम के 27 गेट खोले जाने की स्थिति में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे चंबल किनारे बसे ग्रामों में सर्तकता बरतने के लिए एडवाईजरी जारी की गई है, इसके साथ ही पटवारियों एवं पंचायत सचिवों तथा रोजगार सहायको को गांव में कैम्प करने के निर्देश जारी किये गये है। इसी प्रकार ऊपरी क्षेत्र गुना, भोपाल क्षेत्र में बारिश के चलते पार्वती नदी के जलस्तर बढने की संभावना है। इसी क्रम में चंबल किनारे बसे ग्राम सामरसा, विचपुरी, छोलघटा, तलावदा, टोंगनी, खैरघटा, सियापुर, रामेश्वर, उंचाखेड़ा, आवनी, सिरसौद, जैनी, बगदरी, दांतरदा कलां, साडा का पाडा, जवासा, नदीगांव, लीलोली दिमरछा, सांड, दातेटी, नितिनवास, साथेर, चुंगीपुरा, बरोली, बिलौनी, खिरखिरी, चक गोहटा, चक धौरेरा एवं गोबर्धा ग्रामों में विशेषकर सर्तकता बरतने के लिए एडवाईजरी जारी की गई है।

इसके साथ ही पार्वती नदी के किनारे बसे गांव में भी सतर्क रहने को कहा गया है, जिनमें सूंडी, जलालपुरा, झोपडी, कीरपुरा, दलारनाकला, मलारना, ईचनाखेड़ली अडवाड, अडूसा, मूदला का पाड़ा, छीताखेड़ली, लहचौड़ा और बनवाडा शामिल है।उपरोक्त गांव के ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे न जाएं, नदी के डूब क्षेत्र एवं उसके आसपास अपनी मवेशियों को चराने के लिए न ले जायें।

बाढ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत

जिले में चंबल एवं पार्वती नदी में पिछले वर्षो में आई बाढ़ तथा वर्तमान में बारिश के दौरान बाढ़ की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए बाढ एवं राहत कार्यों के लिए कलेक्ट्रेट श्योपुर में स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत है। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07530-222631 एवं 07530-221459 है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी के रूप में डिप्टी कलेक्टर संजय जैन को नियुक्त है, जिनका मोबाइल नंबर 7987105924 है। इसके साथ ही बाढ नियंत्रण कक्ष में तीन पालियों में कर्मचारी 24 घंटे कार्यरत है। किसी भी आपात स्थिति में सहायता एवं सूचना के लिए उपरोक्त नंबरो पर सूचना दी जा सकती है।

52.8 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज

जिले में 29 जुलाई को 52.8 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 29 जुलाई को श्योपुर में 30, बडौदा में 55, कराहल में 109.2, विजयपुर में 60, वीरपुर में 10 मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई है। इस वर्ष 01 जून 2025 से अभी तक जिले में कुल 955.2 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। गत वर्ष इस अवधि तक 452.88 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। जिले की औसत की वर्षा 822 मिली मीटर है।

हिन्‍दुस्‍थान समाचार/सुरेश

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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा