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मंडी, 26 जुलाई (हि.स.)। राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास और जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव का दौरा किया। उन्होंने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत और पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से मिलकर उनका हालचाल जाना। इसके पश्चात धर्मपुर में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
घर बनाने को प्रभावितों को सात लाख रुपये तक की राहत
जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिन लोगों के घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं, उन्हें 7-7 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी। यह देश में अब तक किसी राज्य सरकार द्वारा दी गई सबसे बड़ी सहायता राशि है। उन्होंने कहा कि घर बनाने के लिए भूमि की उपलब्धता बड़ी चुनौती है, क्योंकि ज़्यादातर खाली ज़मीन वन भूमि के तहत आती है। इस समस्या को सुलझाने के लिए राज्य विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन के लिए भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि जिन परिवारों की आजीविका वन भूमि पर निर्भर है, वे वन अधिकार अधिनियम के तहत जमीन के लिए पात्र हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि आपदा से बर्बाद हुई खेती और बागवानी का राजस्व, कृषि और बागवानी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से मूल्यांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2023 के राहत पैकेज में मुआवज़े की राशि को बढ़ाया गया है। राजस्व मंत्री ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी ली तथा अधिकारियों को इसमें और तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके उपरांत राजस्व मंत्री ने अटल आदर्श विद्यालय मढ़ी का भी निरीक्षण किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा