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शिमला, 26 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश पुलिस के साइबर क्राइम स्टेट सीआईडी और साइबर ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर के सहयोग से साइबर फॉरेंसिक टूल्स एवं स्मार्ट पुलिसिंग समाधानों पर शनिवार को शिमला में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में टेक पुलिस और पैलाडियमआई ने भी सहयोग किया।
कार्यशाला का उद्घाटन पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, आईपीएस ने किया। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में पुलिस कर्मियों को तकनीकी रूप से और ज्यादा सशक्त होना जरूरी है, ताकि डिजिटल अपराधों की जांच और प्रभावी ढंग से की जा सके।
इस कार्यशाला का संचालन डीआईजी साइबर क्राइम महिला चावला, आईपीएस ने किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साइबर हाइजीन को मजबूत करने के लिए विभिन्न स्तरों पर काम हो रहा है। जागरूकता कार्यक्रम, डिजिटल ढांचे तक बेहतर पहुंच और संस्थागत सहयोग से राज्य को साइबर खतरों से सुरक्षित किया जा सकता है।
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ मौजूद रहे। इनमें एडीजीपी सीआईडी ज्ञानेश्वर सिंह, डीआईजी साइबर क्राइम शाहिद चौहान, डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर रचना गुप्ता, एसपी साइबर क्राइम विवेक कुमार, डीएसपी साइबर क्राइम बिनीता कुमार, हेड एसईएमटी आलोक टॉमर, भारत सरकार के वैज्ञानिक अधिकारी अशिष और वैज्ञानिक सहायक सुभेश राणा शामिल थे।
कार्यशाला में पुलिसिंग में आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के इस्तेमाल, साइबर अपराधों की गहन जांच, फॉरेंसिक टूल्स के प्रभावी उपयोग, डिजिटल साक्ष्य को सुरक्षित रखने व प्रस्तुत करने, सोशल मीडिया की निगरानी, राज्य की साइबर सुरक्षा रणनीति और साइबर जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा