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नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने सावरकर पर राहुल गांधी के बयान मामले पर लखनऊ के ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर लगी रोक अगले आदेश तक बढ़ा दी है। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी की याचिका पर चार हफ्ते बाद सुनवाई करने का आदेश दिया।
इसके पहले 25 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने सावरकर को लेकर राहुल गांधी के बयान पर कहा था कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ़ किसी को अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आगे से ऐसा कोई बयान देते हैं, तो हम स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे।
हालांकि, 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ के ट्रायल कोर्ट में चल रहे आपराधिक मानहानि मामले पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए राहुल गांधी को निचली अदालत के द्वारा जारी समन पर रोक लगाई थी। दरअसल, राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर को अंग्रेजों का नौकर बताया था। साथ ही, उन्होंने कहा था कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे।
सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा था कि क्या हम महात्मा गांधी को अंग्रेजों का नौकर इसलिए कह सकते हैं कि उन्होंने वायसराय को लिखे अपने पत्र में लिखा था कि योर फेथफुली सर्वेंट। कोर्ट ने राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा था कि मुवक्किल की दादी यानी तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सावरकर की प्रशंसा में पत्र लिखे थे। आप स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा सलूक नहीं कर सकते हैं। आप राहुल गांधी से कहिए कि वे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदार बयान न दें।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी