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श्रीनगर, 25 जुलाई (हि.स.)। एसएमएचएस अस्पताल में हाल ही में हुई घटना की निंदा करते हुए जहाँ एक परिचारक ने एक डॉक्टर के साथ मारपीट की, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल और उच्च शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने शुक्रवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए अस्पताल का दौरा किया।
इटू ने स्पष्ट रूप से कहा कि रोगी देखभाल सेवाओं और आपातकालीन सुविधाओं को बंद करना अस्वीकार्य है और इस घटना में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह घटना नहीं होनी चाहिए थी खासकर अस्पताल के अंदर। जिसने भी कोई गलत काम किया है उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हालाँकि अस्पताल को बंद करना उचित नहीं ठहराया जा सकता और ऐसा होना ही नहीं चाहिए था।
मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अस्पताल बंद होने के कारण आने वाले मरीज़ बिना इलाज के रह गए। मरीजों को बिना देखभाल के भटकना पड़ा। यह गलत था। इस मामले की जाँच की जाएगी।
आपातकालीन, ऑपरेशन थिएटर, वार्ड और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं को बंद करने को बेहद गलत बताते हुए उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएँगी।
उन्होंने दोहराया कि कुछ भी बर्दाश्त किया जा सकता है लेकिन मरीज़ों की देखभाल से समझौता करना उचित नहीं है। इटू ने जेवीसी अस्पताल का भी दौरा किया जहाँ उन्होंने मरीज़ों की संख्या में भारी वृद्धि देखी क्योंकि जिन डॉक्टरों को एसएमएचएस से वापस भेज दिया गया था, उन्हें वहाँ जाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर हमारे भाई-बहन हैं। उन्हें मरीज़ों के साथ सहानुभूति से पेश आना चाहिए क्योंकि लोग भावनात्मक और मानसिक रूप से परेशान होकर इलाज की उम्मीद में आते हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह के बाद मरीज़ डॉक्टरों पर अपनी उम्मीद रखते हैं। लेकिन डॉक्टर केवल इलाज कर सकते हैं वे किसी को मौत से नहीं बचा सकते।
चिकित्सा लापरवाही के मुद्दे पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में जाँच शुरू की जाती है और दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों को कानून के अनुसार दंडित किया जाता है। उन्होंने पुष्टि की कि पिछले मामलों में कार्रवाई की गई है।
उन्होंने जनता से संयम बरतने और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार या उन पर हमला न करने का आग्रह किया।
एसएमएचएस में हुए हमले के संबंध में इटू ने कहा कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। हालाँकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि घटना के बाद हुए बंद के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने मरीजों, तीमारदारों और डॉक्टरों की शिकायतों के समाधान के लिए सचिवालय स्तर पर एक शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वास्तविक शिकायतों की पूरी जाँच की जाएगी और उन पर कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग सभी डॉक्टरों को एप्रन और नेमप्लेट पहनने के निर्देश जारी करेगा जिन पर उनका नाम, विभाग और विशेषज्ञता प्रदर्शित होगी। उन्होंने कहा कि इसे अनिवार्य बनाया जाएगा, खासकर एप्रन।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता