ऑनलाइन सट्टे का मामला, देश भर से दायर अन्य याचिकाओं के साथ अब उच्चतम न्यायालय में होगी सुनवाई
ऑनलाइन सट्टे का मामला, देश भर से दायर अन्य याचिकाओं के साथ अब उच्चतम न्यायालय में होगी सुनवाई


बिलासपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ राज्य में बढ़ रहे ऑनलाइन सट्टा के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई अब उच्चतम न्यायालय में होगी। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में इस संबन्ध में दायर जनहित याचिका को शीर्ष अदालत ने अन्य संबंधित मामलों के साथ जोड़ते हुए सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में की जाएगी। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता सुनील नामदेव ने जनहित याचिका दायर की थी। जिसकी लगातार सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा ने गुरुवार को इस मामले में गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, इस न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) द्वारा वर्तमान मामले को संपूर्ण अभिलेख सहित तत्काल उच्चतम न्यायालय को प्रेषित किये जाने का आदेश दिया है।

राज्य में पिछले कुछ समय से ऑनलाइन सट्टा, खासकर बहुचर्चित महादेव सट्टा एप को लेकर कई आपराधिक और राजनीतिक चर्चाएं हो चुकी हैं। इसी कड़ी में दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि छग में सक्रिय कई ऑनलाइन सट्टा एप और वेबसाइट राज्य के जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 का खुला उल्लंघन कर रहे हैं और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे एप के माध्यम से करोड़ों का सट्टा राज्य और देश के विभिन्न राज्यों में संचालित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चल रही एक सुनवाई में मुख्य सचिव ने शपथ पत्र में जवाब दिया था कि फरवरी, 2025 तक ऑनलाइन जुआ/सट्टा के कुल 444 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 1002 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और 383 मामले सक्षम न्यायालय के समक्ष लंबित हैं । पुलिस ने 2,19,63,430 रुपये की नकदी और अन्य सामान जब्त किया है।

ऑनलाइन सट्टा गंभीर समस्या, सभी मामलों की एक साथ सुनवाई-

उच्च न्यायालय में याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य शासन, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और गृह सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि इन ऑनलाइन सट्टा एप्स के जरिए प्रदेश में आर्थिक, सामाजिक और नैतिक क्षरण हो रहा है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। इस बीच, देश के अन्य हिस्सों में भी ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामलों को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की गईं थीं। उच्चतम न्यायालय ने सभी संबंधित मामलों को एक साथ संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में लंबित याचिका पर भी अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई करने का निर्णय लिया है।

उच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर होने वाली सुनवाई न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर में चल रहे ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ कार्रवाई की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उच्च न्यायालय में मामला पहुंचने के बाद विशेष रूप से महादेव सट्टा एप जैसे बहुचर्चित मामलों में आने वाले समय में कड़ी कार्रवाई की उमीद की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi