Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
न्यायालय ने शून्य किया निर्वाचन,निर्दलीय प्रत्याशी लालता विजयी घोषित
झांसी, 25 जुलाई (हि.स.)। झांसी नगर निगम चुनाव-2023 में वार्ड संख्या -24 से अनुसूचित जाति के लिये सुरक्षित सीट पर गलत तरीके से जीत हासिल करने के मामले में शुक्रवार देर शाम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अपर जिला न्यायाधीश, कोर्ट नं०-1 सुनील कुमार यादव के न्यायालय ने विजयी प्रत्याशी अंकित सहारिया का निर्वाचन शून्य घोषित कर याची लालता प्रसाद को वार्ड नं०-24 नगर निगम के वर्ष 2023 के निर्वाचन में पार्षद पद के लिए विजयी घोषित किया है।
याची लालता प्रसाद द्वारा चुनाव याचिका में बताया गया था कि झांसी नगर निगम वार्ड सं0-24 सिमराहा अनुसूचित जाति के लिये सुरक्षित था। वार्ड नं0-24 नगर निगम के पार्षद पद हेतु याची ने निर्दलीय, प्रतिवादी सं०-1 अंकित सहारिया निवासी ग्राम सिमराहा ने भारतीय जनता पार्टी से अपने नामांकन पत्र दाखिल किए, जिनका नामांकन सही पाया गया और निर्वाचन कराया गया था। मतगणना में प्रतिवादी सं०-1 अंकित सहारिया को 2482 मत मिलना बताया गया और उसे विजयी घोषित किया गया। मतगणना में याची लालता प्रसाद को 1353 मत मिलना बताये गए। नगर निगम झांसी का वार्ड नं0-24 अनुसूचित जाति के लिये रिजर्व था। याची ने बताया कि प्रतिवादी सं०-1 जन्म से जाति सहारिया अनुसूचित जाति का नहीं है बल्कि वह जाति से राय (कलार) पिछड़ा वर्ग का है। इस कारण वह उपरोक्त वार्ड से पार्षद पद के निर्वाचन हेतु अर्ह नहीं था। प्रतिवादी सं०-1 ने नामांकन पत्र में अपनी जन्म की जाति और उम्र को छिपाया है। इसलिये उसका निर्वाचन विधिपूर्ण नहीं है। प्रतिवादी सं०-1 के नामांकन पत्र पर दौरान जांच आपत्ति दी थी। दौरान बहस याची लालता प्रसाद के अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि वार्ड नं०-24 सिमराहा, नगर निगम झाँसी के पार्षद का सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित था। जिसमें केवल अनुसूचित जाति के सदस्य ही चुनाव लड़ सकते थे। प्रतिवादी सं०-1 अंकित सहारिया राय (कलार) पिछड़ा जाति का है। उसके द्वारा यह कहा गया है कि उसे श्रीमती रामकुँवर पत्नी स्व० लक्ष्मण द्वारा गोद लिया गया था। श्रीमती रामकुँवर अनुसूचित जाति की महिला है उनके द्वारा अंकित सहारिया को दत्तक लेने के बाद भी उनकी जाति परिवर्तित नहीं होगी और वह अन्य पिछड़ा वर्ग का सदस्य ही रहेगा। दत्तक ग्रहण करने के बाद उसकी जाति अनुसूचित जाति की नहीं होगी। सिविल न्यायालय को जाति की उद्घोषणा करते हुए डिक्री पारित करने का क्षेत्राधिकार नहीं है, इसलिए सिविल न्यायालय की डिक्री शून्य है और जाति प्रमाणपत्र अनुसूचित जाति का विधि विरूद्ध होने के कारण विधि मान्य नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में 13 मई 2023 को अनुसूचित जाति की सीट पर उसे पार्षद निर्वाचित किया गया है, वह विधि विरूद्ध होने के कारण उसका निर्वाचन निरस्त होने योग्य है और उसके स्थान पर याची लालता प्रसाद दूसरे नम्बर पर होने के कारण विजयी घोषित किए जाने योग्य है।
न्यायालय का फैसला
चुनाव याचिका स्वीकार कर न्यायालय ने वार्ड नं०-24 नगर निगम के वर्ष 2023 के निर्वाचन में पार्षद पद के विजयी प्रत्याशी अंकित सहारिया का निर्वाचन उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा-71 के अन्तर्गत शून्य घोषित कर याची लालता प्रसाद को वार्ड नं०-24 नगर निगम के वर्ष 2023 के निर्वाचन में पार्षद पद के लिए विजयी घोषित किया है।
सच परेशान हो सकता है पराजित नहीं
फैसला आने के बाद न्यायालय के बाहर समर्थकों ने खुशियां मनाई। साथ ही वार्ड के लोगों में भी उत्साह देखा गया। लोगों ने कहा कि सच की जीत हुई। झूठ को हार का सामना करना ही पड़ा। वहीं न्यायालय द्वारा विधि संगत विजयी पार्षद लालता प्रसाद ने कहा कि सच परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता। फैसला आने में भले ही दाे वर्ष लगे लेकिन सच्चाई की आखिरकार जीत हुई।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया