Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को चुनाव आयोग की मतदाता सूची को अपडेट करने से जुड़ी प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सवाल खड़े किए और कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसके माध्यम से वोटर लिस्ट को बदलकर लोगों के वोटों का अधिकार छीनना चाहती है।
खरगे ने यहां के ताल कटोरा स्टेडियम में कांग्रेस के ओबीसी मोर्चा की ओर से आयोजित भागीदारी न्याय सम्मेलन में आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों तथा महिलाओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उनकी पार्टी की मांग है कि देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा ख़त्म होनी चाहिए।
सम्मेलन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी भाग लिया। जातिगत जनगणना को लेकर खरगे ने राहुल के पक्ष की सराहना की और कहा कि हमें उनका साथ देना चाहिए। राहुल पिछड़ों और वंचितों का साथ देते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी के ओबीसी होने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वह ‘अपर कास्ट’ थे और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने समुदाय को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करा दिया। इसके बाद से वे स्वयं को पिछड़े वर्ग से और सताया हुआ बताते हैं लेकिन वे सब को सता रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि चुनाव आयोग मतदाता सूची को अपडेट करने से जुड़ी प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण को बिहार के बाद पूरे देश में लागू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों को खत्म करने का एक तरीका है। सरकार पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को वोट का अधिकार देने के लिए तैयार नहीं है। अब भारतीय जनता पार्टी वोटर लिस्ट को बदलकर लोगों का वोटो का अधिकार छीनना चाहती है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर देशवासियों से झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि युवाओं को 2 करोड़ नौकरी, विदेश से काला धन लाने, किसानों को एमएसपी देने और पिछड़ों की आमदनी बढ़ाने से जुड़े उन्होंने झूठे वादे किए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दलितों पिछड़ों और अनुसूचित जाति तथा महिलाओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के दावे को भी दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री इस पर जवाब नहीं दे रहे हैं।
वहीं कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी ने सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी है। राहुल गांधी ने मांग रखी कि पिछड़े वर्ग के लोगों की पहचान और गिनती हो। कांग्रेस के दबाव के कारण सरकार ने मजबूर होकर जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया। जातिगत जनगणना कराने को लेकर हमारा उद्देश्य है कि लोगों को पता चले कि देश में उनकी कितनी भागीदारी है।
--------------
हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा