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रांची, 25 जुलाई (हि.स.)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने राज्यपाल की भूमिका पर भाजपा की टिप्पणी को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार विश्वविद्यालयों में कुलपति और अन्य पदों पर एकतरफा नियुक्तियां करती है, तब भाजपा को लोकतंत्र और संविधान की याद क्यों नहीं आती। भाजपा का विरोध सिर्फ इसलिए है क्योंकि वह सत्ता से बाहर है और उसका एजेंडा विश्वविद्यालयों को भी अपनी राजनीतिक प्रयोगशाला बनाना है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में उच्च शिक्षा का जो संकट आज है, वह भाजपा की वर्षों की लापरवाह सरकारों की देन है। यह पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों की विरासत है कि झारखंड के नौजवानों को मेडिकल, तकनीकी, प्रबंधन और व्यावसायिक शिक्षा के लिए हजारों किलोमीटर दूर दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है। आज भी राज्य सरकार द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति का 80-85 प्रतिशत हिस्सा दूसरे राज्यों में चला जाता है। यह हमारी बौद्धिक पूंजी का बहिर्गमन है, जिसे रोकना अब आवश्यक हो गया है।
पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार का यह विधेयक झारखंड को उच्च शिक्षा का एक सशक्त केंद्र बनाएगा और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाएगा। उन्होंने झामुमो की ओर से विधेयक का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार को बधाई दी और विश्वास जताया कि यह विधेयक जल्द ही विधानसभा से पारित होकर लागू होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar