कांवड़ यात्रा के दौरान 13 घायल और आठ की मौत, घटा आंकड़ा
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हरिद्वार, 24 जुलाई (हि.स.)। इस वर्ष लगभग 13 दिन चली कांवड़ यात्रा के दौरान क्षेत्र में अलग-अलग सड़क हादसों में 73 कांवड़िए घायल हुए, जिनमें से आठ की मौत हुई। जबकि साल 2024 की कांवड़ यात्रा के सड़क हादसों में घायलों की संख्या अधिक रही, वहीं इस बार हरिद्वार पुलिस और प्रशासन की तरफ से कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बेहद कड़े इंतेजाम किए हुए थे।

कावड़ यात्रा बीती 11 जुलाई से शुरू हुई और 23 जुलाई को समापन हुआ। 13 दिनों तक चलने वाली यह कांवड़ यात्रा श्रद्धा, आस्था और विश्वास की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा मानी जाती है। वहीं साल 2025 की इस कांवड़ यात्रा में 4 करोड़ 53 लाख शिवभक्त कांवडि़ये हरिद्वार पहुंचे। हालांकि कांवडि़यों की बढ़ती संख्या को लेकर प्रशासन और समाजसेवी लोगों द्वारा कांवड़ मार्ग पर जगह-जगह चिकित्सा शिविर, भंडारे और उनकी थकान दूर करने के लिए शिविर लगाए जाते हैं।

जिसके चलते कांवडि़यों को किसी भी तरह की समस्या ना हो और कांवड़ यात्रा में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य कई राज्यों से बड़ी तादाद में कांवडि़ए हरिद्वार आते हैं और गंगाजल लेकर शिव भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अपने स्थान तक पंहुचते हैं। इस बार हरिद्वार में 4 करोड़ से अधिक कांवडि़यों के आने की संभवाना को देखते हुए प्रशासन ने कांवडि़यों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम भी किए थे। बावजूद इसके कांवड़ यात्रा के दौरान छिटपुट घटनाएं भी देखने को मिली। इसी के साथ अलग-अलग कई सड़क हादसे भी हुए। इन सड़क हादसों में पिछले वर्ष की भांति इस बार सड़क हादसों की संख्या कम रही है।

वहीं बाइकों में आग लगने की घटनाएं भी काफी कम हुई। इस बार चार बाईकों में विभिन्न स्थानों पर आग लगने के मामले सामने आए। जिनमें किसी के हताहत होने का समाचार नहीं मिला। कुल मिलाकर इस वर्ष कांवडि़यों की मौत और घायल होने के आंकड़े विगत वर्ष की अपेक्षा काफी कम रहे। इन सबके पीछे प्रशासन की की मुस्तैदी बड़ी वजह रही। हालांकि कांवडि़यो ंके मेला आरम्भ होने के दौरान शुरू-शुरू में कांवडि़यों के उप्रदव के मामले सामने आए, किन्तु पुलिस की मुस्तैदी के कारण इन पर आखिरी में लगाम लगना संभव हो पाया।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला