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कोर्ट ने घटना में सहभागी पत्नी को सुनाई उम्रकैद
चित्रकूट, 24 जुलाई (हि.स.)। जिले में चार मासूम बच्चों और उनकी मां का बेरहमी से कत्ल करने वाले एक दोषी को न्यायालय ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में दोषी की पत्नी को भी साजिश रचने और नृशंस हत्याकाण्ड में शामिल होने के चलते आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने दंपति को अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्यामसुंदर मिश्रा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अजय सिंह व सनत कुमार मिश्रा ने बताया कि आठ साल पूर्व राजापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत अमान गांव के बाहर बीती 25 अप्रैल 2017 को पुलिस ने चार बच्चों के शव बरामद किए थे। इनमें कछुआ नाले में दो लड़कियों के शव मिले थे, जबकि वहां से दो किलो मीटर दूर सड़क किनारे एक बालक और एक बालिका का शव बोरी में भरा बरामद किया था। इसके अगले दिन एक महिला का शव भी बरामद हुआ। बरामद शवों की शिनाख्त मां और उसके चार बच्चों के रूप में की गई थी। मृतकों में बिहार के पटना जिले की माधवपुर निवासी महिला लालमुनि देवी उर्फ रीना देवी पत्नी सत्यानंद, उसके बेटी रीता, संगीता, गीता व किशुन थे।
शासकीय अधिवक्ताओं ने बताया कि मृतका का पति सत्यानंद विक्षिप्त होकर घटना से दो साल पहले कहीं चला गया था। इस दौरान मृतका लालमुनि राजापुर थाना क्षेत्र के अतंर्गत अमवा गांव के निवासी अवधेश यादव के संपर्क में आ गई और दोनों लोग एक साथ रहने लगे थे। इसके बाद महिला लालमुनि ने अवधेश पर बच्चों के साथ गांव चलकर रहने का दबाव बनाया और ऐसा न करने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही थी। इसके चलते अवधेश ने अपनी पत्नी मंटू देवी उर्फ कुसुम कली के साथ मिलकर प्रेमिका लालमुनि को रास्ते से हटाने का साजिश रची। इसके बाद अवधेश लालमुनि और उसके बच्चों को लेकर राजापुर आया। राजापुर से 23 अप्रैल 2017 को रात्रि में वह लालमुनि, उसकी बेटी संगीता, रीता, गीता व पुत्र किशुन को अमान गांव ले आया और यहां पत्नी के साथ मिलकर रात में सोते समय सभी की गला काटकर हत्या कर दी।
वारदात के बाद बाइक से मृतकों के शव ले जाकर अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिए। पुलिस की कई टीमों ने मिलकर इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए हत्यारोपी दंपति को गिरफ्तार किया था। पांच लोगों की हत्या के मामले में तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक ने खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत भी किया था। इस मामले में जांच के आधार पर पुलिस ने दंपित के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश अनुराग कुरील ने इस मामले में फैसला सुनाया। इसमें दोष सिद्ध होने पर अवधेश यादव को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि उसकी पत्नी मंटू देवी उर्फ कुसुम कली को आजीवन करावास की। इसके साथ ही दंपति पर दो लाख 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड लगाया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल