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मुंबई, 24 जुलाई (हि.स.)। मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने पुलिस हमला मामले के आरोपित भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी और पार्टी कार्यकर्ता गणेश खानकर को निर्दोष बरी कर दिया। यह मामला वर्ष 2004 में कस्तुरबा मार्ग पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मी पर कथित हमले और दुव्र्यवहार से जुड़ा था।
इस मामले का फैसला सेशन कोर्ट के अतिरिक्त अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने 19 जुलाई को सुनाया था, लेकिन फैसले की प्रति आज उपलब्ध हुई। फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी भी प्राथमिकी में किए गए दावों की पुष्टि करने में विफल रहे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष के मामले का आंशिक रूप से समर्थन करने वाला एकमात्र गवाह कांस्टेबल था और उसकी गवाही भी विरोधाभासी, अस्पष्ट और जिरह के दौरान काफी कमज़ोर थी। इसके मद्देनजर अभियोजन पक्ष के मामले को लेकर एक गंभीर संदेह पैदा होता है। ठोस, सुसंगत और विश्वसनीय सबूतों के अभाव में दोनों आरोपित संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।
दरअसल भाजपा कार्यकर्ता नेताजी शिंदे को 9 सितंबर, 2004 को महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधि निरोधक (एमपीडीए) अधिनियम से जुड़ी जांच के तहत मुंबई के उपनगरीय इलाके बोरीवली के कस्तूरबा मार्ग पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया था। उसी रात भाजपा नेता गोपाल शेट्टी और गणेश खानकर पुलिस स्टेशन में घुस गए। जब एक पुलिस कांस्टेबल ने उनसे पूछताछ की, तो दोनों ने उसे धक्का दे दिया और उसके साथ गाली-गलौच की और धमकियां दीं। दोनों ने अधिकारियों के साथ भी दुव्र्यवहार किया था। अगले दिन इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 189 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव