स्कूल में चल रहा था यूरिया रिफिलिंग का गोरखधंधा, कृषि विभाग ने मारा छापा
निजी स्कूल में कृषि और उद्यानिकी विभाग ने यूरिया की अवैध रिफिलिंग का कारोबार पकड़ा


नागौर, 24 जुलाई (हि.स.)। मेड़ता क्षेत्र के रेण कस्बे में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक निजी स्कूल की आड़ में यूरिया की अवैध रिफिलिंग का गोरखधंधा चल रहा था। बुधवार शाम को कृषि और उद्यानिकी विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारकर 12,500 कृषि ग्रेड यूरिया के कट्टे, 600 इंडस्ट्रियल ग्रेड यूरिया के खाली कट्टे, 198 नाइट्रोबेजिन की बोतलें और 20 भरे हुए कट्टे जब्त किए।

रेण के दादूदयाल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में यह गोरखधंधा चल रहा था। यहां सस्ती दर पर मिलने वाले कृषि उपयोग के यूरिया को इंडस्ट्रियल यूरिया के बैग में भरकर महंगे दामों पर आगे बेचा जा रहा था।

उद्यानिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मोहन दादरवाल, सहायक कृषि निदेशक रामप्रकाश बेड़ा, कृषि अधिकारी सीताराम रियाड़ और ओमप्रकाश गुर्जर ने रेण पुलिस चौकी के कॉन्स्टेबल के साथ कार्रवाई की। कार्रवाई बुधवार शाम छह बजे से शुरू होकर गुरुवार तड़के चार बजे तक चली। मौके पर टीम ने यूरिया और नाइट्रोबेजिन के सैंपल भी लिए, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। सरकार द्वारा किसानों को मिलने वाला कृषि ग्रेड यूरिया सिर्फ 267 रुपये प्रति कट्टा में मिलता है, जबकि इंडस्ट्रियल ग्रेड यूरिया की कीमत लगभग 1500 रुपये प्रति कट्टा होती है। इस बड़े मूल्य अंतर का फायदा उठाते हुए स्कूल संचालक केआर गोदारा अलग-अलग दुकानों से यूरिया खरीदकर उसे इंडस्ट्री में बेचने की साजिश कर रहा था।

विभाग ने स्कूल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की हरकतें न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि किसानों और सरकारी सब्सिडी दोनों के साथ धोखा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित