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लखनऊ, 24 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत अब जापान के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक बिखेरने जा रही है। सीएम योगी के निर्देश पर जापान टूरिज्म एक्सपो 2025 (जो 25 से 28 सितंबर तक आयोजित होगा) में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग सशक्त भागीदारी दर्ज कराने जा रहा है। इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है जिसके अनुसार जापान टूरिज्म एक्सपो के वेन्यू में थीम बेस्ड पवेलियन का संचालन होगा। यह 54 वर्गमीटर क्षेत्र में स्थापित होगा तथा प्रदेश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक विविधताओं को जापानी व एशिया-पैसिफिक आगंतुकों के सामने प्रस्तुत करेगा।
इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण (यूपीआईटीएस-2025) में भी प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की अलौकित छटा देखने को मिलेगी। इसके लिए ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट के हॉल-7 में 465 वर्गमीटर के पंडाल का संचालन किया जाएगा, जहां बौद्ध सर्किट से लेकर पारंपरिक लोक कलाएं व नृत्य का प्रदर्शन आगंतुकों के आकर्षण का केन्द्र बनेंगे।
पर्यटन के लिहाज से भी मोस्ट फेवर्ड डेस्टिनेशन के तौर पर उभरेगा यूपीपर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। वर्ष 2023-24 में भारत ने जापान को लगभग 42,800 करोड़ रुपये का निर्यात किया, जिसमें इंजीनियरिंग वस्तुएं, रसायन, दवाइयां और समुद्री उत्पाद शामिल रहे। वहीं, जापान से भारत में करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये मूल्य की सामग्री का आयात किया गया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, उच्च तकनीकी मशीनें और रेयर-अर्थ मैटेरियल्स प्रमुख रहे। इन व्यापारिक रिश्तों की मजबूत बुनियाद पर्यटन क्षेत्र में भी निवेश की अपार संभावनाएं प्रस्तुत कर रही है, खासकर उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल के तहत हेरिटेज होटल, वेलनेस सेंटर्स और ईको-रिसॉर्ट्स जैसी परियोजनाओं में निवेश जापानी निवेशकर्ताओं के आकर्षण का केंद्र बन सकती हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में 2.4 लाख जापानी पर्यटक भारत आए और लगभग 1,200 करोड़ रुपये का आर्थिक योगदान किया।
आंकड़ों के अनुसार, ये पर्यटक औसतन 16.3 दिन भारत में रुकते हैं और प्रति व्यक्ति लगभग 1.45 लाख रुपये खर्च करते हैं। वहीं, भारत से जापान जाने वाले पर्यटकों की संख्या 2.33 लाख रही, जिन्होंने वहां ¥56.1 अरब यानी करीब 3,366 करोड़ रुपये खर्च किए। इन्हीं आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार जापानी पर्यटकों को उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित करने के लिए एक रणनीतिक और सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही है। एक्सपो में उत्तर प्रदेश को निवेश के साथ ही मोस्ट फेवर्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर भी प्रोजेक्ट करने की तैयारी है।
रोड शो, बी2बी व बी2सी बैठकों का होगा आयोजन, ऐप के बारे में दी जाएगी जानकारीइस एक्सपो में उत्तर प्रदेश के टूरिस्ट डेस्टिनेशंस की जानकारी जापानी आगंतुकों को उपलब्ध करायी जाएगी। इस कार्य को पूरा करने के लिए इंग्लिश व जापानी भाषा में बुकलेट का निर्माण भी किया जाएगा तथा उ.प्र पर्यटन विभाग के मोबाइल ऐप के जरिए बुकिंग्स व अन्य जानकारियों का विवरण भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें खास तौर पर बौद्ध सर्किट (सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशांबी, संकिसा और कपिलवस्तु) को दर्शाया जाएगा, जो जापान के बौद्ध पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद, योग, नैचुरोपैथी और ग्रामीण पर्यटन को जापानी यात्रियों की स्वास्थ्य व आध्यात्मिक रुचियों के अनुसार प्रमोट किया जाएगा। डिजिटल एलईडी स्क्रीन, ऑटो-नेविगेशन डिस्प्ले और एआर आधारित सेल्फी पैनल जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से दर्शकों को उत्तर प्रदेश का अनुभव कराना इस स्टॉल की विशेषता होगी। साथ ही, हस्तशिल्प, संस्कृति, संगीत और त्योहारों की झलक भी यहां आने वाले पर्यटकों के अनुभव को और समृद्ध बनाएगी।
यूपीआईटीएस-2025 में दिखेगी संस्कृति व लोककलाओं की रंगीन छटाउत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक झलक न केवल जापान में बल्कि देश के भीतर भी बड़े स्तर पर अपना प्रभाव छोड़ने जा रही है। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस-2025) इसका माध्यम बनने जा रहा है। कार्ययोजना के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 25 से 29 सितंबर के मध्य आयोजित होने वाले इस भव्य आयोजन में हॉल-7 में 465 वर्गमीटर के पंडाल का संचालन उ.प्र पर्यटन विभाग द्वारा किया जाएगा। इस पंडाल की थीम बौद्ध, आध्यात्मिक व ग्रामीण पर्यटन पर आधारित होगी, जिसमें उत्तर प्रदेश की हस्तशिल्प, विरासत इमारतें, ओडीओपी उत्पाद और लोककलाएं दर्शकों को आकर्षित करेंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन