केदारनाथ तक सरल व सुरक्षित पहुंच के लिए तलाशी जा रही सुरंग की संभावना
केदारनाथ तक सरल व सुरक्षित पहुंच के लिए तलाशी जा रही सुरंग की संभावना


रुद्रप्रयाग, 24 जुलाई (हि.स.)। केदारनाथ तक सरल, सुलभ और सुरक्षित पहुंच के लिए सुरंग की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने कंसल्टेंट से सर्वेक्षण कराया है, जिसमें सुरंग निर्माण को जरूरी बताया गया है। कालीमठ घाटी के चौमासी से लिनचोली तक सुरंग निर्माण की बात कही गई है, जिससे केदारनाथ तक आवाजाही सरल हो जाएगी।

जून 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ तक सुरक्षित पहुंच अब भी चुनौती बनी है। वर्तमान में गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग धाम तक पहुंचने का मुख्य मार्ग है। बीते वर्ष 31 जुलाई की अतिवृष्टि से यह रास्ता भी 28 जगहों पर पूरी तरह से वॉशआउट हो गया था। करोड़ों रुपये खर्च कर इस मार्ग की मरम्मत की गई, पर अब भी कई जगहों पर संवेदनशील है। यही नहीं, बीते वर्ष शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर केदारनाथ तक पहुंच के लिए चौमासी-खाम बुग्याल-केदारनाथ और त्रियुगीनारायण-तोषी-केदारनाथ पैदल मार्ग का सर्वेक्षण भी कराया था। यही नहीं, शासन ने चौमासी-खाम बुग्याल-केदारनाथ पैदल मार्ग की मरम्मत के लिए एक करोड़ रुपये भी जारी किये थे। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस मार्ग को दुरुस्त किया जाना है। अब, भारत सरकार का सड़क एवं परिवहन मंत्रालय सीधे केदारनाथ तक सुलभ पहुंच की संभावना तलाश रहा है। इसके लिए चौमासी से लिनचोली तक सुरंग निर्माण की संभावनाओं को खंगाल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, कंसल्टेंट के माध्यम से सर्वेक्षण कराया गया है, जिसमें सुरंग निर्माण को प्राथमिकता से देखा गया है। जल्द ही अन्य औपचारिकतायें पूरी कर संयुक्त सर्वेक्षण किया जाएगा। चौमासी से लिनचोली तक सुरंग निर्माण होने से केदारनाथ तक पहुंच सुरक्षित और सुलभ हो जाएगी। साथ ही कालीमठ घाटी में पर्यटन, तीर्थाटन को भी नया आयाम मिलेगा।

चुन्नी बैंड से कालीमठ तक बनेगी 16 किमी सड़क

केदारनाथ यात्रा को सरल व सुलभ बनाने के लिए भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने चुन्नी बैंड से कालीमठ तक 16 किमी डबल लेन सड़क का प्रस्ताव भी तैयार किया है। मंदाकिनी नदी के दाई तरफ से सड़क निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सर्वेक्षण सहित ड्राइंग का कार्य पूरा हो चुका है। इस सड़क के बनने से आने वाले समय में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्राकाल में वाहनों का दबाव कम होगा। साथ ही भूस्खलन, भूधंसाव की स्थिति में यात्रा संचालन के लिए वैकल्पिक मार्ग भी रहेगा।

सोनप्रयाग को कालीमठ से जोडऩे को बनेगी सुरंग

केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग को कालीमठ से जोडऩे के लिए सात किमी लंबी सुरंग का प्रारंभिक सर्वेक्षण हो चुका है। दो वर्ष पूर्व सुरंग के प्रस्ताव को भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से हरी झंडी मिली थी। इस सुरंग के बनने सोनप्रयाग से कालीमठ तक सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही केदारनाथ यात्रा पूरी तरह से वन-वे हो जाएगी।

मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग मुकेश परमार ने बताया कि केदारनाथ तक सुरंग से पहुंच की संभावनाओं का तलाशा जा रहा है। इसके लिए कालीमठ घाटी के चौमासी से लिनचोली तक सुरंंग निर्माण के लिए मंथन हो रहा है। कंसल्टेंट से भी सर्वेक्षण कराया जा चुका है। केदारनाथ यात्रा को सरल व सुरक्षित बनाने लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति