'उदयपुर फाइल्स' पर लगी अंतरिम रोक बढ़ाने पर हाई कोर्ट 25 जुलाई को फैसला लेगा
सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वो उदयपुर फाइल्स फिल्म की रिलीज के मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय वापस भेज सकती है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि फिल्म पर लगी अंतरिम रोक को बढ़ाया जाए कि नहीं इस पर 25 जुलाई को फैसला किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने 21 जुलाई को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि उसने फिल्म में छह बदलाव किए हैं। उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि केंद्र के फैसले पर दो दिनों में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने न्यायालय में कहा था कि केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर फैसला कर लिया है। इस फिल्म में डिस्क्लेमर को बोल्ड करने समेत छह बदलाव किए गए हैं। उच्चतम न्यायालय ने 16 जुलाई को फिल्म पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि इस मामले पर केंद्र सरकार को फैसला कर लेने दीजिए, उसके बाद सुनवाई की जाएगी।

उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है, बल्कि याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वो अपनी आपत्तियां केंद्र सरकार के समक्ष दर्ज कराएं। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि केंद्र सरकार को ये अधिकार है कि वो फिल्म के प्रदर्शन को लेकर अंतरिम फैसला कर सके। न्यायालय ने कहा था कि कमेटी आज ही बैठक करनेवाली है, ऐसे में कमेटी के फैसले को आ जाने दिया जाए। उच्चतम न्यायालय ने कन्हैया लाल मर्डर केस के आरोपित मोहम्मद जावेद को भी कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने की अनुमति दी थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 जुलाई को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को रिलीज करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वो फिल्म को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष 14 जुलाई तक अपनी आपत्ति दर्ज कराएं। न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता की आपत्ति मिलने के बाद उस पर एक हफ्ते में फैसला करें। उच्च न्यायालय ने कहा था कि केंद्र सरकार के फैसला आने तक फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।

उच्च न्यायालय में याचिका जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने दायर किया था। जमीयत के वकील फुजैल अहमद अययुबी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि फिल्म के ट्रेलर में पैगम्बर मोहम्मद और उनकी पत्नियों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की गई है। फिल्म के ट्रेलर में नूपुर शर्मा का विवादित बयान भी शामिल है। याचिका में जमीयत ने आरोप लगाया था कि फिल्म के ट्रेलर में पैगम्बर मोहम्मद और उनकी पत्नियों के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी देश के अमन-चैन को बिगाड़ सकती है। याचिका में कहा गया था कि फिल्म में देवबंद को कट्टरवाद का अड्डा बताया गया है और वहां के उलेमा के विरुद्ध जहर उगला गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी