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- देश के सुविख्यात रंगगुरुओं की आठ लोकप्रिय नाट्य प्रस्तुतियां होंगी
भोपाल, 24 जुलाई (हि.स.)। संस्कृति विभाग द्वारा मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय के समन्वय से प्रकृति और भारतीय संस्कृति के प्रति आभार प्रकट करने के मूल भाव के साथ आज (गुरुवार) से छह दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। भोपाल के रवीन्द्र भवन स्थित हंसध्वनि एवं अंजनी सभागार में 29 जुलाई तक आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम में देश के सुप्रसिद्ध रंगगुरु, रंगकर्मी, रंग विशेषज्ञ शामिल होंगे।
संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि यह कला और विचारों की एकता को दर्शाने वाला समारोह है, जो रंगमंच में विविधता के बीच संतुलन और संवाद का संदेश देता है। साथ ही श्रावण मास में हरियाली का उत्सव प्रकृति के पुनर्जीवन और मानव जीवन से गहरा जुड़ाव भी दर्शाता है। यह उत्सव हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने और उसके प्रति आभार व्यक्त करने की भी प्रेरणा देता है। इसी भाव से आयोजित हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ भी हरियाली अमावस्या के दिन किया जा रहा है।
संस्कृति संचालक एनपी नामदेव ने बताया हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह में भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति सजग और जागरुक करने के लिए ऐसे नाटकों का चयन किया गया है जो प्रकृति केन्द्रित, जीवन दर्शन, सांस्कृतिक वैविध्य और मानव-प्रकृति के ताने-बाने पर केन्द्रित हैं। समारोह के प्रथम दिवस ''समुद्रमंथन'' नाटक की प्रस्तुति होगी। यह नाटक रंगमंडल, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली की प्रस्तुति है, जिसका निर्देशन सुविख्यात अभिनेता एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी द्वारा किया गया है।
इसके अलावा 25 जुलाई को सुविख्यात रंगगुरु एवं विशेषज्ञ वामन केन्द्रे निर्देशित ''मोहे पिया'' नाटक का मंचन होगा। 26 जुलाई को पद्मश्री डॉ. पुरु दाधीच निर्देशित नाटक ''सुवसंतक'' और डॉ. संगीता गुंदेचा निर्देशित नाटक ''नाट्योत्पत्ति'' कथा का मंचन होगा। 27 जुलाई को सतीश दवे निर्देशित ''विश्वामित्र'' और स्वप्नकल्पा दास गुप्ता निर्देशित नाटक ''हर्षिता'' का मंचन होगा। 28 जुलाई को संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली की अध्यक्ष और वरिष्ठ कलाकार डॉ. संध्या पुरेचा निर्देशित ''शीला... अंतरात्मा का स्वरूप'' नाटक मंचित होगा। अंतिम दिन 29 जुलाई को अंकित मिश्र के सह निर्देशन में ''चरैवेति'' नाटक का मंचन होगा। इस नाटक की मूल प्रस्तुति जनजातीय लोककला एवं बोली विकास अकादमी की है, इसे रंग उत्सव नाट्य समिति, रीवा के कलाकार प्रस्तुत करेंगे।
बघेश्वर एवं मणिधर चित्र प्रदर्शनी भी होगी
इस अवसर पर वीर भारत न्यास की ओर से दो प्रदर्शनियों का संयोजन भी किया जा रहा है, जो 24 से 29 जुलाई तक रवीन्द्र भवन में आयोजित की जाएगी। इसके अंतर्गत पारपम्परिक कलाओं में सिंह की महिमा पर केन्द्रित ''बघेश्वर'' एवं नामपंचमी पर विशेष कलाओं में नाग की छवियां ''मणिधर'' चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर