उपभोक्ता आयोग ने 30 दिन के भीतर स्कूटी की मरम्मत के दिये आदेश
उपभोक्ता आयोग ने 30 दिन के भीतर स्कूटी की मरम्मत के दिये आदेश


धर्मशाला, 24 जुलाई (हि.स.)। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की अदालत ने वीरवार को एक अहम फैसले में एक स्कूटी कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता उपभोक्ता की स्कूटी को 30 दिनों के भीतर मरम्मत करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही आयोग ने यह भी आदेश जारी किए हैं कि यदि कंपनी ऐसा करने में विफल रहती है, तो उसे 79,846 की पूरी राशि नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ उपभोक्ता को लौटानी होगी। इसके अलावा 20 हजार रुपए मानसिक पीड़ा के लिए तथा 10 हजार रुपए मुकदमे के खर्च के तौर पर भुगतान करने के आदेश भी जारी किए हैं।

आयोग के सदस्य ने बताया कि शिकायतकर्ता उपभोक्ता द्वारा 9 अप्रैल 2022 को एक नामी कंपनी की इलेक्ट्रिक स्कूटी एक ऑटो मार्ट से खरीदी थी। कुछ महीनों बाद ही जनवरी 2023 में स्कूटी में कई तरह की खराबी आने का मामला सामने आने लगा। शिकायतकर्ता ने कई बार डीलरशिप पर जाकर शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं मिला। बाद में अप्रैल 2024 में स्कूटी को एक अधिकृत वर्कशॉप में भेजा गया, परंतु वहां भी मरम्मत नहीं हो सकी और स्कूटी वहीं पड़ी रही।

आयोग के समक्ष यह फैसला आने के बाद ऑटोमोबाइल व स्कूटी कंपनी को आयोग द्वारा समन भेजा गया, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। जबकि विपक्षी पार्टियों द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। जिससे उनका जवाब देने का अधिकार समाप्त कर दिया गया। इसके आधार पर शिकायतकर्ता द्वारा पेश सभी दस्तावेजों व हलफनामे को बिना चुनौती मान्य मानते हुए आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में उपरोक्त फैसला सुनाया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया