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तेहरान/इस्तांबुल, 24 जुलाई (हि.स.)। ईरान ने कहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए वाशिंगटन को पहले “भरोसा बहाली के ठोस कदम” उठाने होंगे। यह बयान ईरानी उप विदेश मंत्री काज़ेम घरीबाबादी ने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए साझा किया।
यह अहम घोषणा उस समय आई है जब शुक्रवार को ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (ई3) तथा यूरोपीय संघ के उप विदेश नीति आयुक्त के साथ तुर्किये के इस्तांबुल में मुलाकात करने वाला है। यह बैठक जून में ईरान-इजराइल युद्ध के बाद पहली बार होने जा रही है, जिसमें अमेरिका ने बी-52 बमवर्षकों की मदद से ईरान के परमाणु-संबंधित ठिकानों पर हमले किए थे।
ईरान की चार प्रमुख शर्तें
घरीबाबादी ने कहा कि ईरान किसी भी वार्ता में शामिल होने से पहले चार प्रमुख सिद्धांतों को लागू होते देखना चाहता है।
1) अमेरिका पर से उठा भरोसा दोबारा कायम करना – ईरान का कहना है कि उसका अमेरिका पर कोई विश्वास नहीं है।
2) बातचीत को सैन्य कार्रवाई जैसे छिपे एजेंडे के लिए इस्तेमाल न किया जाए, भले ही ईरान हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
3) परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत ईरान के अधिकारों को मान्यता देना और उनका सम्मान करना, जिसमें परमाणु संवर्धन भी शामिल है। 4) प्रतिबंधों को हटाना।
इस्तांबुल में होने वाली बहुपक्षीय बैठक में ईरान की ओर से उप विदेश मंत्री माजिद तख्त-ए रवांची प्रतिनिधित्व करेंगे। इस तरह की आखिरी बैठक मई में भी इस्तांबुल में आयोजित की गई थी।
उल्लेखनीय है कि ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर तनाव 2018 में और बढ़ गया था जब अमेरिका जॉइंट कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) से बाहर हो गया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विश्वास का संकट गहराता गया है। हालिया इजराइल-ईरान संघर्ष और उसमें अमेरिका की सैन्य भूमिका ने इसे और जटिल बना दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय