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माले, 25 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव को भारत का सबसे करीबी पड़ोसी बताते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में हमेशा सहयोग करेगा।
मालदीव में राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के साथ प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित पार्टनरशिप को नई उड़ान देने को लेकर हमने मालदीव के लिए 565 मिलियन डॉलर (लगभग पांच हज़ार करोड़ रुपये) की “लाइन ऑफ क्रेडिट” देने का निर्णय लिया है। यह मालदीव के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुरूप, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल में लायी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग, आपसी विश्वास का परिचायक है। रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग, जिसका आज उद्घाटन किया जा रहा है, यह विश्वास की ठोस इमारत है। हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने सभी भारतवासियों की ओर से राष्ट्रपति और मालदीव के लोगों को स्वतंत्रता के 60 वर्षों की ऐतिहासिक वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी है। मालदीव, भारत की पड़ोस प्रथम नीति और महासागर विज़न दोनों में एक अहम स्थान रखता है। भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर भी गर्व है। आपदा हो या महामारी, भारत हमेशा ‘प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता’ बन कर साथ खड़ा रहा है। आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने की बात हो, या कोविड के बाद अर्थव्यवस्था को संभालना, भारत ने हमेशा साथ मिलकर काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सहयोग से बनाये गए चार हज़ार सोशल हाउसिंग यूनिट्स, अब मालदीव में कई परिवारों के लिए नयी शुरुआत बनेंगे। नया आशियाना होंगे। ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना, अड्डू सड़क विकास परियोजना और पुनर्विकास किए जा रहे हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से, यह पूरा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट और आर्थिक केंद्र बनकर उभरेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार