भारत-ब्रिटेन एफटीए से श्रम-प्रधान क्षेत्रों को शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी: पीयूष गोयल
एफटीए पर हस्‍ताक्षर करते पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स


एफटीए पर हस्‍ताक्षर करते पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स


एफटीए पर हस्‍ताक्षर करते पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स


लंदन, 24 जुलाई (हि.स)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत-ब्रिटेन के बीच बहुप्रतिक्षि‍त मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से ब्रिटिश बाजार में चमड़ा, विद्युत, मशीनरी और रसायन जैसे कई घरेलू क्षेत्रों को शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी, जिससे करीब 23 अरब डॉलर के अवसर खुलेंगे।

केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने एक्‍स पोस्‍ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और भारत एवं ब्रिटेन के लोगों को ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने पर बधाई। आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) कहे जाने वाले इस समझौते पर लंदन में प्रधानमंत्री मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष स्टार्मर की मौजूदगी में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस डील पर हस्ताक्षर किए हैं।

गोयल ने कहा कि इस समझौते से करीब 99 फीसदी भारतीय निर्यात के लिए शुल्क-मुक्त पहुंच श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए करीब 23 अरब डॉलर के अवसरों को खोलती है, जो मावेशी और लैंगिक-समान विकास के एक नए युग का प्रतीक है। कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न एवं आभूषण, खिलौने और समुद्री उत्पादों से जुड़े कई सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में कार्यरत कारीगर, बुनकर और दिहाड़ी मजदूर समृद्धि के एक नए दौर में कदम रखेंगे। ग्रामीण करघों से लेकर तकनीकी प्रयोगशालाओं तक, यह मुक्त व्यापार समझौता महिलाओं के लिए वित्त तक बेहतर पहुंच और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में गहन एकीकरण के जरिए एक ऐतिहासिक छलांग है।

उन्‍होंने कहा कि यह समझौता किसानों के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि यह लगभग 95 फीसदी कृषि उत्पादों पर शुल्क-मुक्त निर्यात सुनिश्चित करता है, जबकि मछुआरों को 99 फीसदी समुद्री निर्यात पर शून्य शुल्क से लाभ होगा, जिससे उनकी इनकम में वृद्धि होगी। इस समझौते का इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण और प्लास्टिक जैसे विनिर्माण-प्रधान क्षेत्रों पर भी परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। यह समझौता भारतीय उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएं भी उपलब्ध कराएगा।

केंदीय मंत्री ने कहा कि भारत की आईटी, सेवाओं और शिक्षा क्षेत्र की प्रतिभाओं को ब्रिटेन के उच्च-मूल्य वाले बाजारों तक आसान पहुंच का लाभ मिलेगा। दोहरे योगदान सम्मेलन के तहत ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन साल की छूट भारतीय कामगारों और उनके नियोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके साथ ही शेफ, योग प्रशिक्षक, संगीतकार और व्यावसायिक आगंतुक लाभान्वित होंगे, जिससे वैश्विक प्रतिभा केंद्र बनने के हमारे दृष्टिकोण को बल मिलेगा।

गोयल ने कहा कि इंडिया-ब्रिटेन एफटीए हमारे स्टार्टअप्स के लिए ब्रिटेन के ग्राहकों, निवेशकों और नवाचार केंद्रों के द्वार खोलेगा, जिससे उन्हें अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करने में मदद मिलेगी। ये समझौता 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' दोनों के लिए फायदेमंद है, रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा, समुदायों को सशक्त बनाएगा और भारत के रणनीतिक व्यापार नेतृत्व को सुदृढ़ करेगा। यह आर्थिक सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करता है और हमारे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को पुनर्जीवित करता है।

उल्‍लेखनीय है कि भारत और ब्रिटेन के बीच इस समझौते से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा क्योंकि कई वस्तुओं पर शुल्क कम कर दिए जाएंगे। मई 2025 में इस समझौते पर दोनों देश के बीच में सहमति बनी थी। प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर की उपस्थिति में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर