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नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स)। आयकर दाखिल करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल शुरु होने के बाद चार साल के भीतर आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने वालों की संख्या में 36 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह संख्या वित्त वर्ष 2020-21 में 6.72 करोड़ थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 9.19 करोड़ पर पहुंच गई है।
आयकर विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में कर बोझ कम करने के लिए कई राहत उपायों की शुरुआत की गई। नए कर शासनादेश के तहत 12 लाख रुपये तक की आय अब कर-मुक्त है। इसके साथ ही 75 हजार रुपये की मानक कटौती के साथ 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले वेतनभोगियों की कर देयता शून्य है।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राष्ट्रीय आयकर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आयकर देश के आर्थिक ताने-बाने की रीढ़ है, जो विकास परियोजनाओं, कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण को शक्ति प्रदान करता है। इस दिन हम सभी करदाताओं के योगदान को नमन करते हैं, जिनके सहयोग से देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
भारत के वित्तीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर को चिह्नित करने के लिए 24 जुलाई को आयकर दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1860 में भारत में सर जेम्स विल्सन ने आयकर पेश किया था। इसने 1922 के आयकर अधिनियम के लिए आधार तैयार किया, जिसने विभिन्न आयकर को औपचारिक रूप दिया और एक व्यवस्थित प्रशासन ढांचे के लिए नींव भी रखी। इसके अलावा भारतीय कराधान संरचना को केंद्रीय राजस्व अधिनियम (1924) के जरिये मजबूत किया गया, जिसने आयकर अधिनियम को प्रशासित करने के लिए एक वैधानिक निकाय की स्थापना की थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर