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जयपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत पर जांच की स्वीकृति नहीं देने से जुड़े मामले में एसीबी के डीजी और प्रमुख खाद्य सचिव सचिव अन्य से जवाब मांगा है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता पीसी भंडारी ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता टीएन शर्मा ने 7 सितंबर, 2021 को एसीबी में शिकायत दी थी। जिसमें कहा गया था कि खाद्य विभाग ने पीओएस मशीनों की खरीद व रखरखाव के लिए 135 करोड रुपए के टेंडर जारी किए। शिकायत में दो फर्मों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर हासिल करने का आरोप लगाया गया। याचिका में कहा गया कि एसीबी ने शिकायत दर्ज कर धारा 17ए के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए विभाग से स्वीकृति मांगी, लेकिन विभाग ने स्वीकृति नहीं दी। याचिका में कहा गया कि टेंडर लेने वाली फर्म में चीनी माल सप्लाई किया है और टेंडर की शर्तो की अवहेलना की गई। टेंडर शर्त के अनुसार पीओएस मशीनों की देखरेख के लिए फर्म को हर ब्लॉक व जिला स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति करनी थी, लेकिन फर्म ने कोई नियुक्ति भी नहीं की। इसके बावजूद भी मिलीभगत और षडयंत्र के तहत राज्य सरकार की ओर से इन दोनों फर्म को नियमित भुगतान किया जाता रहा। याचिकाकर्ता की ओर से एसीबी को कई बार इस संबंध में शिकायत की गई, लेकिन एसीबी ने मामले में कार्रवाई नहीं की। याचिका में कहा गया कि एसीबी को जांच की स्वीकृति के लिए विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं थी। इसके बावजूद भी स्वीकृति नहीं मिलने का बहाना बनाकर मामले से पल्ला झाड लिया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक