बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक गिरफ्तार
पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक। फोटो-फाइल


ढाका, 24 जुलाई (हि.स.)। बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक को आज ढाका में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का करीबी माना जाता है। हसीना सरकार के पतन के बाद गठित अंतरिम सरकार अब तक अवामी लीग और उसके दर्जनों समर्थकों को गिरफ्तार कर चुकी है।

बांग्लादेश के समाचार पोर्टल बीडीन्यूज24डॉटकॉम की खबर के अनुसार पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल ने उस अपीलीय पीठ का नेतृत्व किया, जिसने 2011 में चुनाव के लिए कार्यवाहक सरकार प्रणाली को समाप्त कर दिया था। खैरुल हक को आज ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा ने ढाका के धानमंडी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया है।

बांग्लादेश के न्याय विभाग के संयुक्त आयुक्त नसीरुल इस्लाम ने खैरुल की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि खैरुल को गुरुवार सुबह घर से गिरफ्तार कर मिंटो रोड स्थित बांग्लादेशी न्याय विभाग के कार्यालय लाया गया। बांग्लादेश के 19वें मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ कम से कम दो मामले दर्ज किए गए हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि खैरुल को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है।

पिछले साल 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के वकील मुजाहिदुल इस्लाम शाहीन ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश और विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष खैरुल के खिलाफ भ्रष्टाचार और फैसलों में जालसाजी के आरोपों को लेकर शाहबाग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था। इससे पहले, 25 अगस्त को खैरुल के खिलाफ नारायणगंज के फतुल्ला पुलिस स्टेशन में एक और मामला दर्ज किया गया था।

यह मामला फतुल्ला थाना बीएनपी के महासचिव और नारायणगंज जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल बारी भुइयां ने 13 साल पहले कार्यवाहक सरकार प्रणाली को असंवैधानिक घोषित करने वाले फैसले के संबंध में दर्ज कराया था। खैरुल पर संविधान के 13वें संशोधन को रद्द करने के फैसले को बदलने और जालसाजी का आरोप लगाया गया था।

खैरुल 01 अक्टूबर, 2010 से 17 मई, 2011 तक मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। 10 मई, 2011 को उनके नेतृत्व वाली एक अपीलीय पीठ ने संविधान के 13वें संशोधन को रद्द कर दिया था। सेवानिवृत्त होने के बाद खैरुल को 23 जुलाई, 2013 को तीन साल के लिए विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्हें कई बार इस पद पर पुनर्नियुक्ति दी गई। पिछले साल 05 अगस्त को अवामी लीग सरकार के पतन के बाद उन्होंने 13 अगस्त को इस पद को छोड़ दिया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद