मां को मौत के घाट उतारने के बाद बाथरूम की दीवार में चुनने वाले आरोपि‍त को न्यायालय ने दिया मृत्युदण्ड
श्‍योपुर मामला, अपराधी को मृत्‍यु दंड


- न्यायिक जिला बनने के बाद पहली बार सुनाया गया मृत्युदण्ड का फैसला

श्योपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। जिनसे पाल-पोसकर बड़ा किया, पढ़ाया-लिखाया उसी मां की जान लेने वाले एक कलयुगी बेटे को जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है। श्योपुर के न्यायिक जिला बनने के बाद यह पहला फैसला है, जिसमें आरोपि‍त को मृत्युदण्ड दिया गया है।

शासन की ओर से मामले की पैरबी करने वाले विशेष लोक अभियोजक राजेन्द्र जाधव ने गुरुवार काे जानकारी देते हुए बताया कि गत 6 मई 2024 को रेलवे कॉलोनी श्योपुर निवासी दीपक पचौरी ने कोतवाली पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कराते हुए रिपोर्ट लिखवाई थी कि उसकी मां उषादेवी अस्पताल जाने की कहकर वापस नहीं लौटी है। इस शिकायत के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी, लेकिन पूछताछ के दौरान आरोपी के बयानों में बदलाव के चलते पुलिस को शक हो गया, पुलिस ने सख्ती के साथ पूछताछ की तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

रूपयों के लालच में बेहरमी से ली थी मां की जान

आरोपि‍त दीपक पचौरी ने अपना जुर्म कबूलने के बाद बताया कि 20 साल पहले माँ उषादेवी एवं पिता भुवनेन्द्र पचौरी ने अनाथ आश्रम ग्वालियर से गोद लेकर आये थे। माता-पिता ने पालन-पोषण एवं पढ़ाई के साथ-साथ उसे अपनी एफडी में नोमिनी भी बना रखा था। वर्ष 2021 पिता की मृत्यु के बाद एफडी की राशि 16 लाख 85 हजार रूपये उसने निकाल लिये, जिसमें से 14 लाख शेयर बाजार और सट्टे में बर्बाद कर दिये और शेष राशि 2.85 लाख भी उसने खर्च कर दिये। माँ उषादेवी के बैंक खाते में 32 लाख रूपये जमा थे, उसमें भी आरोपि‍त नोमिनी था। जब भी मां से पैसे मांगता तो मां उसे रूपये देने से इंकार कर देती थी। गत 06 मई 2024 को करीब सुबह 10ः30 बजे जब माँ नहाकर तुलसी के पेड पर पानी चढ़ाने के लिए जीना चढ़ रही थी, तभी आरोपि‍त ने जीने से धक्का मार दिया, जब मां के प्राण नहीं निकले तो आरोपि‍त ने लोहे की रॉड से सिर पर तीन-चार वार किये और अंत में साड़ी से गला घोटकर मां की जान ले ली। इसके बाद लालरंग के कपड़े में लपेटकर बाथरूम की दीवार में सीमेन्ट रेत और ईंटों से चुनाई कर दी। कोतवाली पुलिस ने आरोपि‍त के बताये गये स्थान से शव को बरामद कर आरोपि‍त पर धारा 302, 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

आरोपि‍त दीपक पचौरी के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने पर धारा 302.201 भादवि अपराध पंजीबद्ध कर जेएमएफसी न्यायालय श्योपुर में आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र पेश किया। जिस पर विचार हेतु न्यायालय सत्र न्यायाधीश जिला श्योपुर के समक्ष कमिट किया। विचारण हेतु विशेष न्यायालय श्योपुर में अंतरित हुआ ओर विचारण के बाद विशेष न्यायाधीश जिला श्योपुर द्वारा आरोपि‍त दीपक पचौरी पुत्र मुवनेंद्र पचौरी निवासी रेलवे कॉलोनी श्योपुर को धारा 302 मा.द.वि मे अपनी माता उषादेवी की हत्या के लिए मृत्युदंड (फांसी लगाकर तब तक लटकाया जावे तब तक की उसकी मृत्यु न हो जाये) एवं सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंंडित करने का निर्णय न्यायालय एलडी सोलंकी विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज) एवं अपर सत्र न्यायाधीश जिला श्योपुर द्वारा बुधवार 23 जुलाई 2025 को पारित किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी