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नैनीताल, 02 जुलाई (हि.स.)। हाई कोर्ट ने ऋषिकेश में बैंकिंग व्यवसाय शुरू कर यहां के निवासियों को बतौर एजेंट एवं निदेशक बनाकर लगभग छह सौ चालीस करोड़ से अधिक की ठगी कर फरार होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को अध्ययन कर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए सीबीआई के अधिवक्ता को इसमें राय देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्द्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार ऋषिकेश निवासी आशुतोष ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि एलयूसीसी नामक सोसाईटी ने उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2021 में बैंकिंग व्यवसाय प्रारंभ कर यहां के निवासियों को बतौर एजेंट एवं निदेश बनाकर लगभग छह सौ चालीस करोड़ रूपये से अधिक का गबन किया है। प्रदेश के कई जिलों में लोगों को तरह-तरह के लाभ देने के उद्देश्य से अपना ऑफिस देहरादून, ऋषिकेश सहित पौड़ी में खुलवाया। इसी प्रकार तीन से अधिक अन्य राज्यों में हजारों करोड़ों का गबन किया गया है और उत्तराखंड राज्य में बगैर किसी अधिकारिता के व्यवसाय चलाया गया, राज्य में कंपनी ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया था। 2023 -24 में कंपनी अपने ऑफिस बंद कर फरार हो गई। निवेशकों की शिकायत पर प्रदेश में 14 तथा अन्य राज्यों में कंपनी के विरुद्ध 56 मुकदमे दर्ज हुए लेकिन पता चला कि मुख्य आरोपित दुबई भाग गया है। अब एजेंटो को निवेशक सहित पुलिस परेशान कर रही है। इस मामले की जांच कर रहे विवेचक कोर्ट में पेश हुए। याचिका में कहा कि जब राज्य में कोई बाहरी कंपनी बिना पंजीकरण के कार्य कर रही थी तो तब सोसाइटी के सदस्य व सरकार क्या कर रही थी इसलिए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता