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कोलकाता, 02 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में साल 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े मामलों की जांच कर रही सीबीआई को बड़ी सफलता मिली है। इन मामलों में पहली बार किसी आरोपित को दोषी करार दिया गया है। मालदा जिले की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में रफीकुल इस्लाम उर्फ भेलू नाम के एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल शिक्षक को दोषी ठहराया। वह स्थानीय तृणमूल नेता के तौर पर परिचित रहा है।
बुधवार शाम अपने आधिकारिक बयान में सीबीआई ने बताया है कि यह मामला मालदा जिले के मानिकचक थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां चार जून 2021 की शाम एक नौ साल की बच्ची आम के बागान में खेल रही थी। आरोप है कि आरोपित ने उसे पैसों का लालच देकर अपने बागान में बुलाया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। इस पूरी घटना को बच्ची की 10 साल की चचेरी बहन ने अपनी आंखों से देखा था। दोनों बच्चियों ने अदालत में घटना के बारे में मजबूती से बयान दिया, जिसके आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
सीबीआई ने इस मामले की जांच के बाद आरोपित के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा छह और आईपीसी की धारा 376 एबी के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला उन चुनिंदा मामलों में शामिल था जिन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट ने विशेष रूप से सीबीआई को सौंपा था।
गौरतलब है कि दो मई 2021 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बंगाल के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। हत्या, दुष्कर्म और हमले जैसे गंभीर आरोप लगे थे। इसके बाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस पर संज्ञान लिया। 19 अगस्त 2021 को हाईकोर्ट की पांच जजों की पीठ ने हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
सीबीआई ने पूरे देश से अधिकारियों की टीम बनाकर इन मामलों की जांच शुरू की थी और ज्यादातर मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। अब पहली बार किसी मामले में सुनवाई पूरी हुई है और आरोपित को दोषी ठहराया गया है।
इस मामले में अभियोजन की ओर से सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अमिताभ मैत्र ने पैरवी की। सजा पर फैसला चार जुलाई को सुनाया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर