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नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में बुधवार काे सुनवाई पूरी कर ली है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 2000 करोड़ की संपत्ति के लिए मात्र 50 लाख ही दिए। स्पेशल जज विशाल गोगने इस मामले में 3 जुलाई को भी सुनवाई जारी रखेंगे।
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से अटॉर्नी सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड (एजेएल) का स्वामित्व लेने के बाद गांधी परिवार के नियंत्रण वाली यंग इंडियन लिमिटेड ने घोषणा की कि वो नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन नहीं करेगा। कहा कि एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड की संपत्तियां दिल्ली के अलावा लखनऊ, भोपाल, इंदौर, पंचकुला, पटना और देश के दूसरे स्थानों पर स्थित हैं। देशभर की ये संपत्तियां 1947 के बाद केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने एसोसिएटेड जनरल्स को दी थी। कहा कि एसोसिएटेड जनरल्स की संपत्तियां यंग इंडियन को पैसे बनाने के लिए हस्तांतरित की गई थीं।
ईडी ने 21 मई को कहा था कि इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपराध से 142 करोड़ कमाया। गांधी परिवार पर अपराध से प्राप्त धन को अपने पास रखने और उसे वैध बनाने का आरोप है। प्रथम दृष्टया सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला बनता है। ईडी ने नवंबर, 2023 में नेशनल हेराल्ड की 751.9 करोड़ की संपत्ति काे जब्त किया था। यंग इंडिया कंपनी का लाभकारी स्वामित्व हमेशा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहा।
कोर्ट ने 2 मई को इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत 7 आरोपितों को नोटिस जारी किया था। ईडी ने 15 अप्रैल को कोर्ट में मनी लांड्रिंग कानून की धारा 44 और 45 के तहत अभियोजन शिकायत दाखिल की थी। ईडी ने इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को आरोपित बनाया है। इस मामले में 2019 में सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 403, 406 और 420 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
इस मामले में शिकायतकर्ता सुब्रह्ण्यम स्वामी का आरोप है कि दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 1600 करोड़ की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया। उनका कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जबकि गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी